छत्तीसगढ़

कृषि के नवीन तकनीकों के प्रयोग से आत्मनिर्भर हो रहे हैं बस्तर के किसान

Admin2
25 Feb 2021 9:50 AM GMT
कृषि के नवीन तकनीकों के प्रयोग से आत्मनिर्भर हो रहे हैं बस्तर के किसान
x

खेती की उन्नत तकनीक अपनाकर बस्तर के किसान आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। विकासखंड जगदलपुर में ग्राम चिलकुटी के कृषक श्री श्रीधर ने कृषि से संबंधित विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक विकास किए। श्रीधर के पास लगभग 4 एकड़ कृषि योग्य भूमि है। जिसमें सिचांई के साधन नहीं होने के कारण केवल खरीफ में धान की फसल लिया करते थे। साथ ही उन्हें वर्षा आधारित खेती होने के कारण मंशानुरूप उत्पादन भी नहीं मिल पाता था। कृषि विभाग योजनान्तर्गत कृषक श्रीधर ने नलकूप खनन करवाया, फलस्वरूप खरीफ में धान एवं रबी में मटर, सूरजमुखी, मूंगफली, मक्का एवं अन्य साग-सब्जियों की खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे ंहै। सिचांई हेतु स्प्रिंकलर, ड्रिप सिस्टम भी उनके द्वारा स्थापित किया गया है।

कृषक श्री श्रीधर ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में गतवर्ष हरितक्रांति योजनान्तर्गत 01 हेक्टर में धान की कतार रोपा विधि से रोपाई किया। साथ ही मृदा जांच पश्चात प्राप्त स्वायल हेल्थ कार्ड की अनुशंसा के आधार पर उर्वरक, खाद्य एवं सुक्ष्म पोषक तत्वों का प्रबंधन कर पहले की अपेक्षा में अधिक उत्पादन प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि खाद एवं उर्वरक में होने वाला खर्च कम होने से अधिक आय अर्जित की एवं राज्य शासन द्वारा निर्धारित मुल्य पर धान विक्रय कर लगभग 90 हजार की आमदनी प्राप्त किया। कृषक श्रीधर का कहना है कि एक फसलीय की अपेक्षा अंतर्वर्ती एवं मिश्रित फसल प्रणाली से खेती किए जाने पर खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त मुनाफा प्राप्त होता है। श्रीधर ने बताया कि वर्तमान रबी में कृषि विभाग की आत्मा योजनान्तर्गत विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में मटर, मूंगफली एवं सूरजमुखी की उन्नत तकनीक से बुआई की है। जिससे इस वर्ष अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने की संभावना है। छोटे से ग्राम चिलकुटी का किसान श्रीधर आज नई तकनीक अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है।

Next Story