छत्तीसगढ़

बांठिया अस्पताल ने शव देने से किया मना

Admin2
2 May 2021 6:39 AM GMT
बांठिया अस्पताल ने शव देने से किया मना
x

धरने पर बैठे परिजन, इलाज के दौरान लिए 6 लाख, 70 हजार और मांग रहे

जनता से रिश्ता का प्रतिनिधि पहुंचा तो डॉक्टर बोला- निर्धारित दर से ज्यादा पैसे लौटा दूंगा

राजधानी अस्पताल हादसे के बाद कलेक्टर ने 3 दिनों में निर्धारित दरों पर इलाज करने जारी गाइड लाइन के आधार पर सभी अस्पतालों की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर अमल नहीं हुआ

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी के बांठिया अस्पताल में एक मरीज की मृत्यु के बाद उनके परिजनों को शव वापस नही लौटाने का मामला सामने आया है। मरीज के भांजे ओमप्रकाश साहू द्वारा बताया गया कि मृतक को 21 अप्रैल की रात को अस्पताल में भर्ती किया गया। उसके बाद अस्पताल प्रंबंधन द्वारा 1 लाख की मांग की गई। उसके बाद मरीज का इलाज चल ही रहा था। और 1 मई को मरीज घनश्याम साहू की मौत हो गई। अस्पताल द्वारा पीडि़तों से करीब 6 लाख ले लिया गया है उसके बाद और 70 हजार का बिल तैयार कर पीडि़त को देकर कहा गया कि अब पहले पैसे दीजिये उसके बाद बॉडी ले जाइये। उसके बाद पीडि़तों की मदद करने भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला महामंत्री राहुल राव द्वारा अस्पताल प्रबंधन पर इजाल की जानकारी के लिए दबाव बनाया गया। जिसके बाद अस्पताल के संचालक डॉ राजेन्द्र बांठिया द्वारा वीडियो में भी कहा गया कि शासन के अनुसार जारी की गई गाइडलाइन से ज्यादा ली गई रकम को अस्पताल वापस देता है। मामले में भारतीय जनता युवा मोर्चा न्याय की भी मांग कर रहा है। और तत्काल अस्पताल को बंद करने के लिए धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

मरीज के परिजन हलाकान

मरीज के बांजे ओमप्रकाश साहू ने बताया कि मृतक को 27 अप्रेल की रात में बाठिया अस्पताल में भर्ती किया गया। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने एक लाख जमा करने कहा। उसके बाद मरीज का इलाज चल ही रहा था और मरीज घनश्याम साहू की मौत हो गई। अस्पताल व्दारा पीडि़त से करीब 6 लाख इलाज के नाम परलिया गया उसके बाद 70 हजार का बिल देकर कहा गया कि अब पहले पैसे दीजिए उसके बाद बॉडी ले जाइए। इस प्रकार मरीज के परिजनों को प्रताडि़त किया जाने लगा जिसकी शिकायत भाजयुमो जिला महामंत्री राहुल राव से की गई, राहुल राव ने अस्पताल पर इलाज की जानकारी के लिए दबाव बनाया गया जिसके बाद अस्पताल के संचालक डा. राजेंद्र बाठिया व्दारा वीडियो में कहा गया कि शासन के अनुसार जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार इलाज का शुल्क लिया गया है,यदि रकम ज्यादा लिया गया होता तो वापस किया जाता, स्थिति में बढ़ते विवाद के बाद परिजनों ने सरकारी गाइड लाइन का उल्लंघन और इलाज के नाम पर ज्यादा शुल्क लेने का आरोप लगाते हुए शव देने की मांग को लेकर वही धरने पर बैठ गए ।

निजी अस्पतालों की मनमानी चरम पर

कोरोनाकाल में निजी अस्पतालों की मनमानी के कई मामले सामने आए है, जिसमें बेड और रेमडेसिविर की कालाबाजारी मुख्य है। निजी अस्पतालों पर बेड की कालाबाजारी का आरोप भी लग रहा है। निजी अस्पताल प्रबंधन मरीजों को भर्ती के समय तो बहुत बड़े-बड़े सुविदा देने के वादे करते है, जब मरीज भर्ती हो जाता है तो मनमाने सर्विस चार्ज जोड़ते है। वहीं आईसीयू और वेंटिलेटर में मरीज को रखना पड़ा तो दोगुना-तीन गुना चार्ज बढ़ाकर इलाज किया जाता है।

विवादित रहा है बांठिया अस्पताल

राजातालाब स्थित बाठिया अस्पताल अपनी लापरवाही और मरीजों के इलाज के नाम पर अनाप-शनाप शुल्क लेने के लिए सुर्खियों में रहा है। हाल ही मेें मृतक कोरोना पाजिटिव को बाहर सीढ़ी के पास खुला छोड़ दिया गया है, जिससे कोरोना फैलने का खतरा बना हुआ है। अस्पताल प्रबंधन अपने कार्यों से पल्ला झाड़ते हुए परिजनों पर बॉडी ले जाने का दबाव भी बनाया। वहीं पीपीईकिट के लिए पैसे की मांग भी की। दुर्ग जिले से मृत पाजिटिव मरीज को कवर पैक कर रायपुर जिले के अधिकारियों को सौंपने को लेकर लेटर जारी किया गया था, लेकिन बाठिया अस्पताल प्रबंधन ने शव को कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार के लिए अब तक नहीं सौंपा है।

Next Story