बैंक अफसरों और फैक्ट्री प्रबंधन ने सांठगांठ कर लगाया चूना
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पहले से तीन बैंकों में बंधक फैक्ट्री पर विदेशी बैंक से 50 करोड़ का लोन लिया
शिकायत सीबीआई, केंद्रीय सतर्कता विभाग से की गई, मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौपेंगे
अधिकारियों ने अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाया
भिलाई। भारतीय स्टेट बैंक सहित तीन बैंकों में बंधक सिम्पलेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड की जमीन व मशीनरी पर एक विदेशी द्वारा कोरियन बैंक सिन्हान बैंक से 50 करोड़ रूपयों का लोन लिया गया। आरोप है कि टेक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा ऐसा किया गया है। इतना ही नहीं इस काम में भारतीय स्टेट बैंक के अफसरों की संलिप्तता भी जताई गई है। इस पूरे मामले की शिकायत वित्त मंत्री, सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता विभाग में की गई है। सिम्पलेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड की एक इकाई प्लाट क्रमांक 750, ग्राम सरोरा उरला औद्योगिक क्षेत्र रायपुर में स्थित है। इसे टैक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी के द्वारा वर्ष 2019 में एग्रीमेंट के तहत टेकओवर किया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त जमीन एवं मशीनरी आज भी सिम्पलेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड के नाम पर ही तीन बैंको (भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ोदा एवं यूको बैंक) के पास सयुक्त रूप से बंधक रखी हुई है। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक कमर्शियल शाखा रायपुर लीड बैंक है। सीबीआई में की गई शिकायत में जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और छग असंगठित कर्मचारी श्रमिक संघ के श्रमिक नेता तोरण चंद्राकर ने आरोप लगाया कि टैक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी द्वारा उक्त बंधक जमीन एवं मशीनरी के आधार पर ही फर्जीवाड़ा कर एक विदेशी कोरियन बैंक सिन्हान बैंक से 50 करोड़ की राशि बतौर लोन ली है.
आरोप के मुताबिक यह फर्जीवाड़ा बैंक के अधिकारियों के मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। हालांकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बैंक ने स्पष्ट कहा है कि बैंक के द्वारा टैक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी को एनओसी, कंसर्ट लेटर अथवा अन्य कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया है। परन्तु सवाल उठाया जा रहा है कि बगैर दस्तावेज यह कैसे संभव हो गया है। शिकायत में कहा गया है कि सिम्पलेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड की उक्त इकाई एवं मशीनरी जिस पर टैक्समेको रेल एंड इंजिनीयरिंग लिमिटेड कंपनी द्वारा लोन लिया गया है। सीएसआईडीसी विभाग के रिकार्ड में आज भी पूर्व कंपनी सिम्पलेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड के नाम पर दर्ज है, जिसके लीज डीड का संपादन आज दिनांक तक संपन्न नहीं किया गया है। तोरण चंद्राकर ने कहा कि यह बड़ा भ्रष्टाचार है कि भारतीय स्टेट बैंक मे गिरवी रखे जमीन और मशीनरी पर दूसरे बैंक से 50 करोड़ का लोन कैसे मिल सकता है और भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने अब तक पुलिस में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाया। संयुक्त सचिव, कांग्रेस, गुडरदेही व प्रदेश महासचिव छग असंगठित कर्मचारी श्रमिक संघ तोरण चंद्राकर ने कहा कि टैक्समेको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी, कोलकाता द्वारा बैंक की मदद से अंतरराष्ट्र्रीय फर्जीवाड़ा किया गया है।