छत्तीसगढ़

गरीबों की आजीविका छीनकर गौठान निर्माण, खेल मैदान और वृक्षारोपण पर लगी रोक

Deepa Sahu
20 Aug 2021 6:18 PM GMT
गरीबों की आजीविका छीनकर गौठान निर्माण, खेल मैदान और वृक्षारोपण पर लगी रोक
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फाइल फोटो 

गोबरा नवापारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली के 23 गरीब भूमिहीन परिवारों को 1970 में तत्कालीन ग्राम पंचायत कुर्रा आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में शासन द्वारा जीवन यापन के लिए सामूहिक कृषि समिति बनाकर भूमि प्रदान की गई थी।

गोबरा नवापारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली के 23 गरीब भूमिहीन परिवारों को 1970 में तत्कालीन ग्राम पंचायत कुर्रा आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में शासन द्वारा जीवन यापन के लिए सामूहिक कृषि समिति बनाकर भूमि प्रदान की गई थी। जिस पर ये परिवार 51साल से कास्तकारी करते आ रहे थे जिनका ये परिवार आज 58 परिवार में तब्दील हो चुका है जिनमें करीब 350 सदस्य हैं। लेकिन सरपंच श्रीमती गोमेश्वरी साहू, सरपंच पति अजय साहू और उपसरपंच ताराचंद साहू ग्राम के अन्य लोगों को गुमराह कर उस भूमि को अवैध कब्जा बताकर बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाकर कास्तकारी कर रहे 23 परिवारों को जबरदस्ती जमीन से बेदखल कर दिया गया और 5 अगस्त को उस भूमि पर सरपंच, उपसरपंच, सरपंच पति और अन्य पंचायत पदाधिकारियों के द्वारा गौठान निर्माण हेतु भूमि पूजन कर दिया गया । साथ ही खेल मैदान तथा वृक्षारोपण हेतु उसी भूमि में से आरक्षित करने की कार्यवाही की गई थी।

बोई गई धान फसल को प्रशासन की मौजूदगी में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा मवेशी से चरा दिया गया था और 51साल से संजो कर कास्तकारी कर जीवन यापन करने वाले 23परिवार के समक्ष खून के आंसू रोने के आलावा कुछ बचा ही न रहा। अपने जमीन और आजीविका को बचाने वे शासन प्रशासन और मंत्रियों तक अपनी गुहार लगा चुके थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इससे छुब्ध होकर अध्यक्ष बिसहत साहू और सदस्यों द्वारा अधिवक्ता श्रिया मिश्रा के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायधीश गौतम भादुड़ी के समक्ष रिट याचिका दायर किया जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय न्यायधीश ने 16 अगस्त को आगामी आदेश तक उक्त भूमि पर पूर्व की भांति यथास्थिति बनाए रखने आदेश पारित किया है।
पीड़ित किसान बिसहत राम साहू, विजय यादव, पंचूराम साहू, त्रिलोचन यादव, नंदलाल तारक, रामकुमार, साहू, उमा बाई साहू, दूमेश्वरी साहू, लिखेश्वर साहू, लीलाबाई यादव, युवराज तारक आदि का कहना है कि हम शासन प्रशासन और मंत्रियों से फरियाद करते करते थक चुके थे ऐसे में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा स्टे मिलने से हमारी जमीन और आजीविका सुरक्षित हुआ है।


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