बलवा फिर हत्या की कोशिश, रायपुर पुलिस ने किया 9 आरोपियों को गिरफ्तार
रायपुर। तिल्दा-नेवरा पुलिस ने बलवा के साथ हत्या के प्रयास करने वाले 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक ग्राम कोनारी खार प्रार्थी के खेत बाड़ी के ताला को कुछ लोगो के द्वारा तोड़ने की सूचना प्रार्थी प्रविन्द्र वर्मा के बड़े पिताजी राधाकिशन वर्मा के द्वारा प्रार्थी के पिताजी रूपेन्द्र वर्मा को देने पर प्रार्थी अपने भाई एवं पिताजी के साथ मौके पर पहुॅचने पर कुछ लोग खेत बाडी के अंदर घुसे हुये थे. कुछ लोग गेट के पास खड़े मिले जो इन लोगो को देखकर भाग रहे थे। भागते समय व्यक्ति पकडे गये जो अपना नाम नागेन्द्र राजपूत तथा भागे हुये अपने साथीगण का नाम कमशः संदीप धीवर, विनय धीवर, विशाल वस्त्रकार, मोहित यादव, मोहित धीवर, चन्द्रसेन उर्फ कोमल राजपूत, खिलेन्द्र बंधवारे बताने पर प्रार्थी के द्वारा अपने पॉकेट डायरी में पेन से नाम लिखने के दौरान पकडे गये आरोपीगण के अन्य साथीगण आकर एक राय होकर बलवा करने एवं हत्या करने की नियत से प्रार्थी एवं उसके भाई पिताजी के उपर आरोप लगाते हुये अपने साथीगण को क्यो पकडे हो कहकर मां बहन की गंदी गंदी गालिया देकर जान से खतम करने की धमकी देकर लाठी डंडा एवं धारदार वस्तु से मारपीट किये।
जिससे प्रार्थी एवं प्रार्थी के भाई दुर्गेश वर्मा, पिताजी रूपेन्द्र वर्मा को चोटे आयी घटना घटित करने के बाद आरोपीगण वहाँ से भाग गये प्रार्थीगण डॉयल 112 वाहन को बुलवाकर उपचार कराने के लिये सीएचसी तिल्दा नेवरा आकर भर्ती हुये उपचार के बाद प्रार्थी थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराने पर अपराध धारा पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया। विवेचना दौरान आरोपीगण की पतातलाश कर मिलने पर हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया जो अपना अपना जुर्म स्वीकार करने पर पृथक पृथक मेमो० कथन लेखबद्ध किया गया। मेमो० कथनानुसार आरोपीगण से घटना में प्रयुक्त आलाजरब लाठी डंडा, चाकू, कपडे की जप्ती कार्यवाही कर प्रकरण में धमकी देकर हत्या करने की नियत से धारदार चाकू से वार कर गंभीर चोट पहुँचाना पाया गया है जिस पर प्रकरण में धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट जोड़ी गई है।अपराध सबूत पाये जाने से उपरोक्त आरोपीगण एवं विधि संघर्षरत बालको को समय सदर में विधिवत् गिर० किया जाकर गिरo की सूचना उनके परिजन को दी गई है। एक अन्य फरार आरोपी खिलेन्द्र बंधवारे की पतातलाश विवेचना जारी है। प्रकरण में लगे आरोप धारा अजमानतीय होने व प्रकरण की विवेचना अपूर्ण होने से पृथक-पृथक न्यायिक रिमांड प्रतिवेदन तैयार किया गया है।