छत्तीसगढ़

मत्स्य पालन से बालचंद की बदली तकदीर

Nilmani Pal
22 Dec 2021 12:21 PM GMT
मत्स्य पालन से बालचंद की बदली तकदीर
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गरियाबंद। जिले के विकासखंड़ फिंगेश्वर अंतर्गत ग्राम कुम्ही के किसान श्री बालचंद साहू ने मत्स्य पालन कर अपने आर्थिक स्तर को सुधारने में सफलता पाई है। श्री बालचंद पहले अपने पुस्तैनी 18 एकड़ जमीन में धान फसल की पैदावारी ले रहा था, जिसमें लागत के मुताबिक आमदनी नहीं हो रही थी। ऐसी स्थिति में बालचंद ने खेती के अलावा अतिरिक्त आमदनी हेतु मत्स्य पालन का विकल्प चुना और मछली पालन गतिविधियों का अवलोकन कर इससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने अपने 01 हेक्टेयर जमीन में तालाब का निर्माण करवाया और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया।

उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा वर्ष 2019.20 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत, स्वयं की भूमि पर स्वयं के व्यय से 01 हेक्टेयर जलक्षेत्र निर्माण पर योजनानुसार 40 प्रतिशत की दर से अनुदान राशि 2ण्80 लाख रूपये भी प्राप्त किया। इस राशि से उन्होंने मत्स्य पालन गतिविधियों का विस्तार किया और सालभर के भीतर ही अक्टूबर 2020 में उन्होंने 50 टन मत्स्य उत्पादन कर बाजारों में बिक्री कर अच्छी आमदनी अर्जित किया, जिससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने स्वयं की कृषि भूमि पर 01 हेक्टेयर का और तालाब बनवाया। साथ ही तालाब की मेढ़ो पर उद्यानिकी एवं दलहनों फसलों तथा कटहल, पपीता, नीबू पौधा रोपित कर अतिरिक्त आमदनी का जरिया बनाया। मछली पालन से बालचंद साहू आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुए, साथ ही उनके मत्स्य पालन कार्य में संलग्न 05 मजदूर को रोजगार मिला तथा आसपास के फुटकर मछली विक्रेता रोजाना 25 से 50 किग्रा मछली खरीदकर गांवों में विक्रय कर आमदनी अर्जित कर रहे है। श्री बालचंद मत्स्य पालन व्यवसाय से अब सफल मछली पालक के रूप में जाने जाते है। अब वे हैचरी निर्माण की योजना बना रहे है।

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