छत्तीसगढ़

महादेव सट्टा एप के आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज

Shantanu Roy
15 April 2024 4:19 PM GMT
महादेव सट्टा एप के आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज
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छग
रायपुर। रायपुर की विशेष अदालत ने महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद आरोपी नितिन टिबरेवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सोमवार को विशेष अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। वहीं, 16 महीनों से जेल में बंद राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया की सेंकड बेल एप्लीकेशन पर मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा। इससे पहले, 12 अप्रैल को विशेष न्यायालय में सुनवाई के दौरान सौम्या के वकील ने बच्चों की परवरिश को आधार बताते हुए जमानत देने की मांग की थी।
नितिन टिबरेवाल के नाम पर दुबई में प्रॉपर्टी है। विदेशी कंपनियों में शेयर होल्डर भी है। जांच में करोड़ों रुपए का हिसाब मिला है। ED ने अपनी जांच में पाया गया है कि नितिन टिबरेवाल अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट स्काईएक्सचेंज से जुड़ा हुआ था। जांच के दौरान नितिन के नाम से डिजिटल रिकॉर्ड भी मिला है। महादेव ऐप सट्टेबाजी केस में जेल में बंद निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के जमानत आवेदन को कोर्ट ने 12 अप्रैल को खारिज कर दिया था।
महादेव सट्टा मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 12 जनवरी को नितिन टिबरेबाल और अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को 5 दिन 17 जनवरी तक की ED रिमांड पर भेजा गया। रिमांड पूरी होने के बाद 17 जनवरी को दोनों आरोपी को फिर कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने दूसरी बार दोनों को 5 दिन की रिमांड में 22 जनवरी तक ED हिरासत में भेजा था। 22 जनवरी फिर पेशी में सुनवाई के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने नितिन और अमित को 13 दिन की ज्यूडिशयल रिमांड पर जेल भेजा था।
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रर्वतन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। ED के अनुसार कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी पर सौम्या चौरसिया का हाथ था। ED ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग गिरफ्तार किया था। ED का आरोप है कि ये स्कैम करीब पांच सौ करोड़ रुपए का था। इस लेव्ही से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं।
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