
पप्पू फरिश्ता
त्वरित टिप्पणी
(भेंट मुलाकात-रायपुर उत्तर विधानसभा)
सीएम भूपेश के तरकस में कई ऐसे तीर हैं जो लक्ष्य भेदने में होंगे सक्षम
उत्तर विधानसभा में सबसे पहले भेंट मुलाकात करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बता दिया कि वे गंभीरता से चुनाव की ओर जाने वाले हैं और उत्तर विधानसभा से ही भेंट मुलाकात का कार्यक्रम शुरू करके रायपुर की नब्ज को टटोलने का महत्वपूर्ण कार्य किया । रायपुर शहर में बहुत सी हवा है उड़ती है और पार्टियों के लिए हवाएं बनाई जाती है या खिलाफ में या पक्ष में। यह रायपुर शहर है जहां से हवाबाजी का खेल पूरे प्रदेश में फैलाया जाता है । इसी बात को समझते हुए मुख्यमंत्री ने रायपुर के उत्तर विधानसभा को भेंट मुलाकात कार्यक्रम में बहुत महत्वपूर्ण तरीके से अपनी राजनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए स्पष्ट संकेत दिए । कुलदीप जुनेजा विधायक को अगर वापसी टिकट मिलती है कौन से कारण महत्वपूर्ण है। क्योंकि जीत के कौन-कौन से कारण होंगे और हार के कौन से कारण बनने वाले हैं । इसी को आधार मानकर मुख्यमंत्री ने अधिकांश समय कुलदीप जुनेजा को जो उत्तर के विधायक है लगातार अपने कार्यक्रम में अपने पास और में करीब हर फोटो एंगल के अंतर्गत रखा। यहां तक कि एक महत्वपूर्ण बात भी निकलकर सामने आई क्या उत्तर विधानसभा के और भी प्रत्याशी जो बनने की इच्छुक है उन्होंने भी प्रयास किया । संभावित 4-5 टिकिट दावेजदारों ने भेंट मुलाकात के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पीछे पूरे दिन घूम-घूम कर आगे पीछे जाकर फोटो खिंचवाने का और अपनी दावेदारी कई पुख्ता सबूत पेश करने की कोशिक करते दिखे।
यह भी देखने में आया अधिकांश दावेदार महेंद्र छाबड़ा, गिरीश दुबे और भी छुपे हुए 1 या 2 दावेदार सीएम भूपेश बघेल के आगे पीछे मंडराते रहे और अपनी दावेदारी को पुख्ता होने का सबूत पेश करते रहे। लेकिन भूपेश बघेल की पैनी नजर से कोई भी बच नहीं सका। भूपेश बघेल राजनीतिक वातावरण और हवाबाजी को भाप गए। कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल को उत्तर विधानसभा में दो ही चीज करना बाकी है या तो कुलदीप जुनेजा को फिर से टिकट देकर कांग्रेसी पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाए या फिर किसी अन्य अल्पसंख्यक को उत्तर विधानसभा प्रत्याशी बनाया जाए। जो मोटे तौर पर राजनीतिक जानकार के अनुसार है उसे ऐसा लगता है कि मोहम्मद अकबर को रायपुर उत्तर कांग्रेस प्रत्याशी हो सकते है और भूपेश बघेल इसमें में सफल हो सकते है। सबसे महत्वपूर्ण बात रायपुर शहर में मुस्लिम आबादी की तादाद को अपने समर्थन में रखना और मोहम्मद अकबर के प्रत्याशी बनते ही चारों विधानसभा सीट में मुस्लिम वोट और कहीं भी नहीं पड़ेंगे। काग्रेस पार्टी में सीधा एकतरफा जीत संभावित है। ऐसी संभावनाएं बताई जा रही है क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी और आप दोनों ही चुनाव मैदान में कड़े मुकाबले दे सकते हैं। वेसे में मोहम्मद अकबर रायपुर उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त प्रत्याशी हो सकते हैं क्योंकि वह सबसे ज्यादा अनुभवी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता होने के कारण उनका शहर में सभी समाज के साथ अच्छा वर्चस्व और रिश्ता कायम है। वहीं पर कुलदीप जुनेजा के चुनाव नहीं लडऩे की स्थिति में अल्पसंख्यक की जगह अल्पसंख्यक की एक शर्त भी पूरी हो जाती है और सिटिंग एमएलए की जगह सेटिंग एमएलए की बात भी पूरी हो सकती है। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन मोहम्मद अकबर अगर उत्तर के प्रत्याशी नहीं होंगे तो फिर पूरी तरीके से यह समझना चाहिए कि उत्तर विधानसभा में कुलदीप जुनेजा ही सबसे बेहतर कांग्रेसी प्रत्याशी होंगे और कोई नहीं हो सकता कुलदीप आसानी से चुनाव जीत सकते हैं ऐसा राजनीतिक जानकारों का मानना है और कांग्रेसी कार्यकर्ता का भी कहना है।
एक तीर से दो निशाने : वैसा राजनीतिक वरिष्ठ जानकारों का कहना है कि कुलदीप जुनेजा सिख समाज में एक अपना वजूद निर्माण कर लिया है और मुस्लिम समाज में भी अच्छी पकड़ है इसलिए कुलदीप जुनेजा को वर्तमान में छेडऩा या पार्टी टिकिट न देना पार्टी हित में नहीं होगा । फिर भी अगर बड़ी राजनीतिक चाल मानकर कांग्रेस कुछ खेल सकती है वह सबसे महत्वपूर्ण चीजें होंगी। मोहम्मद अकबर को अपनी पुरानी विधानसभा से हटाकर रायपुर उत्तर विधानसभा में कांग्रेसी प्रत्याशी बना सकती है । पहले भी मो. अकबर रायपुर ग्रामीण के प्रत्याशी बनकर दमखम दिखा चुके है। जिससे यह भी साबित करने के लिए काफी है एक तीर से दो निशाने मुख्यमंत्री अपनी कई चाल एक साथ खेल सकते हैं। वर्तमान में प्रदेश और शहर की फिजाओं परिस्थितियों को देखते हुए कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन यह हो सकता है राजनीतिक में कुछ भी हो कभी भी बड़ा खेल हो सकता है वाली कहावत चल सकती है।
25 से ज्यादा उम्मीदवार दावेदार
एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उत्तर विधानसभा में 25 से ज्यादा उम्मीदवार दावेदारी कर रहे हैं । बिल्डर भू-माफिया सट्टा माफिया कई पार्षद और कई निगम मंडल के पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष भी इस दौड़ में शामिल है अब देखना यह है के आगामी विधानसभा में उत्तर विधानसभा का कांग्रेस प्रत्याशी कौन होगा ? भूपेश बघेल कि सोच को और उसके दिमाग को हम पढ़ते हैं और देखते हैं और जो अनुभव है उसके आधार पर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि भूपेश बघेल बहुत पहले ही माइंड सेट कर लेते हैं और प्रत्याशियों के बारे में वह बहुत पैनी नजर रखते हैं और तय मापदंड के अनुसार ही वह अंतिम निर्णय लेते हैं और उनका निर्णय हमेशा अडिंग रहता है अब आने वाला वक्त ही बताएगा वैसे भूपेश बघेल के टिकिट पिटारे में अभी सैकड़ों तरकस के तीर बाकी है।