छत्तीसगढ़

बदली किस्मत: जिला प्रशासन के सहयोग से अपने सपनों को गढ़ेगी 2 छात्रा

Nilmani Pal
24 Feb 2022 2:30 AM GMT
बदली किस्मत: जिला प्रशासन के सहयोग से अपने सपनों को गढ़ेगी 2 छात्रा
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छग न्यूज़
दंतेवाड़ा। जिले के विकासखण्ड गीदम अंतर्गत ग्राम मड़से में रीता वेक और रतन वेक निवारसत हैं। रतन के माता-पिता खेत में कार्य कर अपना जीवन यापन करते हैं। वहीं बचपन में ही रीता के माता-पिता के निधन के बाद रीता अपने दादा-दादी के साथ रहने लगी और बचपन से ही दोनों साथ ही पले बढ़े हैं। रीता और रतन दोनों ही बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है। कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही वे दोनों अपने गांव के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान कर रहे है, जिनमें 53 बालक, बालिकाएं शामिल है।
दोनों ने लॉकडॉउन के दौरान बच्चों कि शिक्षा पर हुए प्रभाव को देखते हुए बच्चो के लिए एक मोहल्ला क्लास की लगाने की सोची और उन्होंने स्वप्रेरीत होकर जुलाई माह से मोहल्ला क्लास की शुरुआत की आगे चलकर मड़से गांव के अलावा दूसरे पारा के बच्चे भी मोहल्ला क्लास में आने लगे। इस तरह कुल 53 बच्चों को रीता और रतन अपने मार्गदर्शन में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

इसी बीच जब नीति आयोग कि सहभागी संस्था, पीरामल फाउंडेशन द्वारा सितंबर माह में सक्षम बिटिया अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा था उसी दौरान गांधी फैलो शालिका पवार की मुलाकात रीता और रतन से हुई और उन्होंने गांव के मुखिया से बात कर बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कमरे की व्यवस्था की। जब पीरामल फाउंडेशन की टीम ने रीता और रतन से मिलकर यह समझाने की कोशिश की थी के बिना किसी राशि सहयोग के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने में उन्हें क्या मिलता है? वे ऐसा क्यों करते हैं?

इस पर प्रतिक्रिया करते हुए रीता और रतन ने बताया कि बचपन से ही मार्गदर्शन के अभाव में हमने अपनी बारहवीं तक की शिक्षा मुश्किल से पूर्ण की है और जो मार्गदर्शन और सहयोग हमे नहीं मिला, वह अपने गांव के बच्चों को प्रदान करना चाहते हैं। इसके उपरांत रीता और रतन ने बतौर स्वयं सेवक सक्षम बिटिया अभियान में कार्य किया और साथ ही साथ गांधी फैलो शालीका पवार के सहयोग एवं समझाइश के बाद रीता और रतन ने इस वर्ष बी. ए. प्रथम वर्ष में प्राइवेट परीक्षा दिलाने का निर्णय लिया ताकि इस वर्ष उनकी भी पढ़ाई का क्षति ना हो और ऑनलाइन आवेदन दे कर रतन का दाखिला शासकीय दन्तेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में करवाया,

लेकिन रीता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परीक्षा शुल्क की व्यस्था करने में असमर्थ थीं और रीता ने यह बात पीरामल फाउंडेशन की टीम से साझा की। प्रोग्राम लीडर-दीपक शाह ने कलेक्टर श्री दीपक सोनी के समक्ष इस समस्या को रखते हुए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कलेक्टर श्री सोनी के मार्गदर्शन में त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी श्री राजेश कर्मा के सहयोग से रीता के कॉलेज प्रवेश में होने वाला पूरा खर्च जिला प्रशासन की ओर से प्रदान किया गया और अगले ही दिन रीता का दाखिला सफलतापूर्वक शासकीय दन्तेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दन्तेवाड़ा में कराया गया। अब रीता भी बिना किसी शैक्षणिक अंतर के इस वर्ष बी. ए. प्रथम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सकेगी जिसके लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी से मिल कर रीता ने तहे दिल से जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर दीपक शाह ने बताया कि एक बेहतर कल के निर्माण में युवाओं की अहम भूमिका होती है, रीता और रतन जैसे युवा एवं स्वयंसेवक हमारे समाज के लिए एक मिसाल है। हम रीता एवं रतन के जज्बे और जुनून को सलाम करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए देते है।

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