रायपुर। श्री लालगंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में दिवाकर दरबार के अंतर्गत सोमवार को साध्वी मंगलप्रभा म.सा. ने कहा कि बुरी आदतें आसानी से लग जाती हैं, लेकिन जब इनसे पीछा छुड़ाना हो तो अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। आजकल बड़े तो बड़े, बच्चों में भी ऐसी कई आदतें आ गई हैं। कई बच्चों को चाय की ऐसी लत है कि सोकर उठने से लेकर स्कूल-काॅलेज आते-जाते और घर में पढ़ते वक्त भी चाय-काॅफी चाहिए। माताएं यह सोचकर उन्हें बार-बार चाय की प्याली दे रहीं हैं कि बच्चे को पढ़ना है। आज के माता-पिता बच्चों की स्कूली शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हैं। देना भी चाहिए, लेकिन नैतिक मूल्य और सदाचार के साथ। बच्चों को सिखाएं कि क्या गलत है और क्या सही।
दिवाकर दरबार में साध्वी मंगलप्रभा म.सा. ने एक दृष्टांत के माध्यम से समझाया कि भावना यदि अच्छी हो तो गरीब व्यक्ति भी अमीर बन जाता है और बुरी भावना रखने वाला धनवान भी एक दिन गरीब बन जाता है। साध्वीवर्या ने बताया, एक नगर में दो परिवार आसपास रहते थे। एक पैसों से गरीब था लेकिन मन का अमीर था। एक बार पति-पत्नी खाना खा रहे होते हैं तभी एक कुत्ता आकर उनकी रोटी ले जाता है। पत्नी उसके पीछे जाती है। वह उसे डंडा मारने की जगह अतिथि समान सत्कार करती है और रोटी में अपने हिस्से का घी भी डाल देती है। कुत्ता उस दिन से उनके घर की रखवाली करने लगा। एक दिन कुत्ते को मिट्टी खोदते हुए एक कलश मिला। कुत्ता मालिक को अपने साथ लेकर दोबारा वहां आया। व्यक्ति ने खोलकर देखा तो उसमें बहुमूल्य रत्न थे। उसने आधा धन अपने पास रखा और आधा स्कूल-अस्पताल बनवाने के लिए दान कर दिया। अच्छी भावना से एक पशु को खाना खिलानेभर से उस व्यक्ति का भाग्योदय हो गया। आधा पैसों का दान करके उसने अपनी आत्मा के कल्याण का पुरुषार्थ भी कर लिया।
सरस्वती अनुष्ठान की तैयारियां शुरू
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि रविवार 15 अगस्त को श्री लालगंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में बुद्धि की देवी मां सरस्वती के लिए विशेष अनुष्ठान होगा। इसमें ज्यादातर बच्चे हिस्सा लेंगे। शनिवार तक जितने नाम आएंगे, उसी के अनुरूप भवन में बैठने आदि की व्यवस्था की जाएगी।