दूसरी पत्नी बनने से बचें, शिक्षित युवतियों से राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने की ये अपील
रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण शशिकांता राठौर एवं अनीता रावटे की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान अनावेदक ने स्वयं को एम.एस.सी इलेक्ट्रॉनिक बताया।आवेदिका मितानिन का कार्य करती है, जिसे अनावेदक द्वारा जादू, टोना, डायन, चुड़ैल जैसे अपशब्द कहता रहता है।इसकी शिकायत आवेदिका ने विस्तार से आयोग के समक्ष रखी है। अनावेदक के कथन से यह पता चलता है कि उसकी माँ के मृत्यु का आरोप लगाकर आवेदिका को पूरे मोहल्ले में दुष्प्रचार करता रहता है।अपने बचाव में अनावेदक ने कहा कि डूमर के पेड़ से दुर्गंध आती है और सांस लेना मुश्किल है उसे काटने का आवेदन दिया हूं, और आवेदिका पेड़ को कटने से बचाना चाहती है।समस्त तथ्यों को आयोग द्वारा सुना गया जिसमें अनावेदक स्वयं निठल्ला घर मे बैठा हुआ है और कोई कार्य नही करता है और इस आवेदिका को जादू टोना के नाम से लगातार परेशान कर रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच पुलिस थाना के द्वारा किये जाने का प्रकरण स्पष्ट नजर आता है। उभय पक्ष थाना पुरानी बस्ती रायपुर क्षेत्र में निवासरत है आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दिया गया कि आयोग में प्रस्तुत दस्तावेजों को लेकर पुलिस थाना पुरानी बस्ती में अनावेदक के विरुद्ध टोनही प्रताड़ना अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कराने कहा गया। इस निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदिका बहु ने बताया कि आवेदिका सास सहित कुल 5 लोगो के खिलाफ थाना बालोद में विगत सितम्बर माह में दहेज प्रताड़ना का एफआईआर दर्ज हो चुका है। जिसके साथ अन्य दस्तावेज और एक पत्र प्रस्तुत किया है, जिस पर आयोग ने आवेदिका से पूछताछ किया गया तथा सम्बंधित दस्तावेज देखा गया,जिसमें साफ परिलक्षित है कि एफआईआर दर्ज किए जाने के पश्चात आवेदिका सास द्वारा तथ्यों को छुपाते हुए आयोग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है। यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में वृद्ध महिला की शिकायत गम्भीर प्रकृति का है अनावेदक पक्ष उसकी संपत्ति के हिस्सेदार है और इसके बावजूद आवेदिका और उसकी बेटियों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की शिकायत उसकी बेटियों ने किया है। विवाद का कारण तेलीबांधा स्थित सम्पत्ति का है। इस प्रकरण में सम्पत्ति के मौका मुआयना हेतु आयोग ने एक अधिवक्ता को नियुक्त किया है। मौका मुआयना रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एक अन्य प्रकरण में सौतेले भाई के द्वारा अपनी बहन को बचाने के लिए शिकायत दर्ज आयोग में किया गया था, सुनवाई के दौरान बहन ने आकर शिकायत को झूठा बताया जबकि बहन के पति ने एक अन्य औरत से निरंतर संबंध बनाए रखे हुए हैं। इन सभी तथ्यों के बावजूद भी यदि आवेदिका प्रकरण वापस चाहती है तो प्रकरण को नस्तीबद्ध करना पड़ता है। पढ़ी लिखी महिलाओं से अनुरोध है कि दूसरी पत्नी बनने से बचें।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति की मृत्यु के बाद उसके द्वारा चलाये जा रहे ढाबे और दोनो बच्चों को अनावेदक और उसके माता पिता ने छीन लिया है और आवेदिका को घर से निकाल दिया है। इस प्रकरण में आवेदिका ने अपने सास ससुर के नाम का उल्लेख नही किया है। आवेदिका को समझाइश दिया गया कि आवेदन में अपने सास ससुर के नाम का उल्लेख करें। अनावेदक को आयोग ने समझाइश दिया गया कि अगली सुनवाई से पूर्व आवेदिका के पति द्वारा संचालित ढाबा एवं उसके दोनों बच्चे और आवेदिका का पूरा समान आपसी सुलहनामे के आधार पर वापस कर दे अन्यथा आगामी सुनवाई तिथि पर समस्त अनावेदकगणों के विरुद्ध पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इस प्रकार इस प्रकरण को आगामी सुनवाई हेतु रखा गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक उपस्थित था आवेदिका अनुपस्थित रही, आवेदिका की ओर से आरोग्य समिति की सदस्यगण भी उपस्थित रहे। सदस्यों द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसमें अनावेदक ने आवेदिका के मकान पर कब्जा कर रखा है आवेदिका दिनांक 12 अक्टूबर से गायब है जिसकी शिकायत इस सभी महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक रायपुर को भी दिया है, ऐसी स्तिथि में आवेदिका को उपस्थित रखने के लिए पुलिस थाना पुरानी बस्ती थाना प्रभारी को विशिष्टतः पत्र प्रेषित किया जाएगा।आवेदिका की अनुपस्थिति की दशा में अनावेदक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर वृद्ध आवेदिका की पतासाजी कर आवश्यक रूप से उपस्थित रखे जाने के लिए आगामी दिनांक सुनिश्चित किया गया है।थाना पुरानी बस्ती गुम वृद्ध महिला को आयोग के समक्ष उपस्थित कराने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।एक अन्य प्रकरण में उभय पक्षों को सुना गया जिसमे आवेदिका 8 माह से अलग रह रही है। दोनों के बीच सुलह की संभावना बनी रहे।इस उद्देश्य से दोनों पक्षों को समझाइश दिया गया जिसमे अनावेदक दो माह तक तीन हजार रूपये प्रतिमाह आवेदिका को देगा, दोनों पक्ष आपस में अपना व्यवहार सुधारने का प्रयास करेंगे जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका और अनावेदक एक ही परिवार के तीन हिस्सेदार है। और तीनों अपने जमीन का नाप बराबरी से कराना चाहते हैं। दोनों पक्षों के स्थानीय पार्षद सिविल लाईन वार्ड की उपस्थिति में नाप कराने में सहमत हुए। आगामी दिनांक पर पार्षद के साथ उभय पक्ष उपस्थित रहेंगे जिससे इस प्रकरण को पार्षद को अवगत कराकर इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।एक अन्य प्रकरण में आयोग द्वारा उभय पक्षों को सुना गया जिसमे आवेदिका ने बताया की उनका एक बच्चा 11 वर्ष का है लेकिन मानसिक रूप से छोटा बच्चा जैसा है। और एक बच्ची 13 वर्ष की है जिसकी देख रेख आवेदिका जिम्मेदारी से करने को तैयार है। अनावेदक कामकाज में व्यस्त होने के कारण बीमार बच्चे का सही ढंग से देख रेख नहीं कर पा रहा है। अनावेदक पति को समझाइश दिया गया कि वह प्रतिमाह आवेदिका पत्नी को 10 हज़ार रूपये प्रतिमाह देगा और आवेदिका अनावेदक के चंगोराभाठा स्थित मकान में दोनों बच्चों के साथ रहेगी। अनावेदक प्रति रविवार अपने बच्चों से मिल सकेगा और अपने आदत व्यवहार अच्छे से रखेगा। प्रकरण दो माह की निगरानी में रखा गया। आज की जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 10 पक्षकार उपस्थित हुए तथा 4 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।