केलो से बारहमासी पेयजल की उपलब्धता शहर के लिए फायदेमंद - रश्मि रंजीता
रायगढ़. जिले में जल संरक्षण और संवर्धन के दिशा में किए जा रहे कार्यों के निरीक्षण और समीक्षा के लिए दिल्ली से पहुंची जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता ने अपने रायगढ़ प्रवास के तीसरे दिन गोवर्धनपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) एवं बाझीनपाली स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निरीक्षण की। इस दौरान उन्होंने डब्ल्यूटीपी व एसटीपी के संपूर्ण कार्य प्रणाली की जानकारी ली तथा प्लांट्स के कमांड व मॉनिटरिंग सेंटर का भी जायजा लिया। इस दौरान निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी भी उपस्थित रहें।
रश्मि रंजीता सबसे पहले गोवर्धनपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट डब्ल्यूटीपी का निरीक्षण किए। यहां उन्होंने इंटेकवेल के कार्य प्रणाली एवं मोटर डाउन होने की स्थिति में उसके रिपेयरिंग एवं बदलाव की स्थिति की जानकारी ली। निगम के उपअभियंता व डब्ल्यूटीपी, एसटीपी सहायक नोडल अधिकारी अमृत मिशन ऋषि राठौर ने बताया कि सारे कार्य ऑटोमेटिक है, कहीं दिक्कत होने से ही मैनुअल ठीक करने का कार्य किया जाता है। इसके बाद उन्होंने डब्ल्यूटीपी मुख्य प्लांट का निरीक्षण किया। निगम के उपअभियंता ऋषि राठौर ने बताया कि कैस्केड टैंक में पानी आता है। यहां एनालाइजर लगे हुए हैं, जो पानी में मौजूद अवगुणों को कंप्यूटर फीड करता है। इसके बाद कंप्यूटर द्वारा पानी में ऑटोमेटिक ही केमिकल डोजिंग की जाती है। इससे पानी में मौजूद ठोस पदार्थ नीचे बैठ जाते हैं। तत्पश्चात पानी को और शुद्धि करण हेतु फिल्टर बेड में छोड़ा जाता है। जहा फिल्टर मीडिया से पानी छन क्लीयर वाटर सम्प में पहुंच जाता है, जहां उपचारित पानी को टंकी में भरे जाने से पहले क्लोरिनेटेड किया जाता है, जिससे पानी में मौजूद बैक्टीरिया वही खत्म हो जाता है। उन्होंने बताया कि एक मॉनिटर के माध्यम से ही इंटेकवेल से लेकर डब्ल्यूटीपी में अशुद्ध पानी आने और यहां पानी को शुद्ध करने पानी में आवश्यकता अनुसार पीएच स्तर रखने से लेकर शुद्ध पानी की टंकी में सप्लाई और वहां से घरों तक सप्लाई सीधे एक मॉनिटर के माध्यम से किया जा सकता है। इस दौरान श्रीमती रश्मि रंजीता ने पानी के पीएच मान का अवलोकन किया। साथ ही गर्मी के दिनों दिनों में होने वाली पानी की समस्या की जानकारी ली। निगम आयुक्त ने बताया कि शहर के लिए केलो डेम में रॉ वाटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जिससे शहर को पेयजल की समस्या नहीं होती। उन्होंने यहां के तकनीक की सराहना करते हुए कि केलो डेम के माध्यम से बारह मासी पेयजल की उपलब्धता शहर के लिए काफी फायेदमंद है।
इसके पश्चात रश्मि रंजीता सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के एसबीआर टैंक पहुंची। यहां उन्हें बताया गया कि किस प्रकार शहर के नालों का पानी सबसे पहले डायवर्शन वियर में आता है यहां से पंपिंग स्टेशन जाता है पंपिंग स्टेशन से पानी सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर (एसबीआर) टैंक में भेजे जाते हैं। यहां से पानी को साफ करने का प्रोसेस शुरू होता है। एसबीआर टैंक में पानी का एरिएशन होता है। एरिएशन वह प्रोसेस होता है, जिसमें पानी में ऑक्सीजन की मात्रा डाली जाती है। यहां एरोबिक रिएक्शन कराया जाता है, एरोबिक रिएक्शन के तहत पानी में मौजूद बैक्टीरिया से पानी 80 प्रतिशत तक साफ हो जाता है। इसके बाद क्लोरिनेशन टैंक में पानी में क्लोरीन मिलाया जाता है। यह पानी इंडस्ट्रियल उपयोग व खेतों की सिंचाई आदि कार्य में लिया जा सकता है। इस दौरान श्रीमती रश्मि रंजीता ने एसटीपी कमांड सेंटर की भी जानकारी ली। यहां उन्हें बताया गया कि स्काडा तकनीक के माध्यम से एक मॉनिटर से ही एसटीपी के संपूर्ण कार्य की निगरानी और ऑपरेट किया जा सकता है। इस दौरान निगम आयुक्त ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट कर छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रीटमेंट वाटर को उद्योगों को प्रदान करने की कार्य योजना बनाई जा रही है, ताकि एसटीपी के माध्यम से आय के साथ एसटीपी के मेंटेंस का कार्य किया जा सके। श्रीमती रश्मि रंजीता ने एसटीपी से निकले पानी के कमर्शियल उपयोग की कार्ययोजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे एसटीपी का बेहतर मेटेनेस किया जा सकता है।