रायपुर। जल जीवन मिशन के 10 हजार करोड़ रुपये के ठेके में गड़बडिय़ों की आशंका जताते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस में ही बगावत की आवाज बुलंद हो गई है। स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी पर रायपुर शहरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने नौकरशाही को घेरते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत की है। उनका दावा है कि 6,000 करोड़ का ठेका दूसरे प्रदेश की कंपनियों को दे दिया गया। बाहर की कंपनियों को मैदानी इलाके और स्थानीय ठेकेदारों को बस्तर के नक्सल प्रभावित दुर्गम इलाके में काम दिए गए हैं।
जल संसाधन विभाग ने जल जीवन मिशन में अगले तीन साल में 10 हजार करोड़ के काम का ठेका निकाला है। इसके तहत जल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने से लेकर टंकियों तक का निर्माण किया जाना है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि रोजगार और ठेके में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। 18 महीने बाद उठी आवाज स्थानीय ठेकेदारों के ठगा महसूस करने के आरोपों को आधार दे रही है। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष के साथ-साथ रायपुर शहर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गिरीश दुबे का दावा है कि अधिकारियों ने ठेका देने में नियमों का भी पालन नहीं किया। गिरीश ने कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह करके स्थानीय लोगों का हक मार रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर मंत्री रुद्र गुरु तक को अंधेरे में रखा गया। सरकार को अधिकारियों की गड़बड़ी के प्रति उन्हें आगाह कर रहे हैं।
सरकार के टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे है नेता : प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब सत्ताधारी दल के नेता सरकार के टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बाहर की कंपनियों को मैदानी इलाके और स्थानीय ठेकेदारों को बस्तर के नकस्ली और घोर जंगली क्षेत्र में ठेका दिया गया है। जल जीवन मिशन में 2023 तक सभी घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना है। गांव-गांव में 70 हजार परिवारों को पीने का शुद्घ पानी उपलब्ध कराना है। जल संसाधन विभाग के ठेके में 1,376 कंपनियों को काम मिला है। इसमें छह हजार करोड़ का काम 15 बाहरी कंपनियों को दे दिया गया है। डी कैटेगरी के ठेकेदार से टंकी बनाने और चार किलोमीटर तक पाइप लाइन बिछाने के लिए अनुभव मांगा गया है। पीडब्ल्यूडी के मैनुअल के अनुसार डी कैटेगरी के ठेकेदार के लिए अनुभव की आवश्यकता नहीं है।
स्थानीय ठेकेदार को मिल सकता था काम : ठेकेदार संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूरे मामले की शिकायत की गई है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इस ठेके में स्थानीय ठेकेदारों को जिले के आधार पर काम आवंटित किया जा सकता है। इसके लिए पहल की जाए और सभी ठेके को निरस्त किया जाए।
टेंडर की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर ठेका दिया गया है। किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है। जल जीवन मिशन के नियम के कायदे के आधार पर ठेकेदारों को बुलाकर बैठक भी की गई है।
-गुरु रुद्र कुमार, पीएचई मंत्री, छत्तीसगढ़
स्थानीय ठेकेदारों को वंचित किया जा रहा है। इसमें व्यापक स्तर पर धांधली की आशंका है। बाहरी कंपनियों को फायदा दिया जा रहा है। इसका भाजपा हर स्तर पर विरोध करेगी।
-धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़