छत्तीसगढ़

नियम विरुद्ध अटैचमेंट कर मामले को दबाने की कोशिश, न जांच, न हुई कार्रवाई

Harrison
25 Jan 2025 6:53 PM GMT
नियम विरुद्ध अटैचमेंट कर मामले को दबाने की कोशिश, न जांच, न हुई कार्रवाई
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छग
रायपुर। स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में फंसे व्याख्याता उमाशंकर खूंटे के खिलाफ न तो कोई जांच हुई है और न ही कोई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) एम.डी. दीवान ने नियम के विरुद्ध एक आदेश जारी कर शासकीय आर.के.के. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरिया में अटैच कर दिया। जबकि, नियम अनुसार इस मामले की जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय को दी जानी चाहिए थी। सिर्फ इतना ही नहीं, BEO ने एक सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी को अपने ही कार्यालय में अटैच कर दिया। इसके अलावा, एक जूनियर व्याख्याता शमरीन खान को प्राचार्य का प्रभार भी सौंप दिया। अब इस मामले को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, कमिश्नर बिलासपुर और चीफ जस्टिस हाई कोर्ट बिलासपुर में शिकायत की गई है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी महेंद्र धर दीवान ने बताया कि कुछ कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। इस मामले में अभी तक कोई जाँच रिपोर्ट या अन्य कार्रवाई क्यों नहीं हुई पूछने पर उन्होंने कहा कि जांच करने या आगे की कार्रवाई करने के लिए कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। यानी जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर कुछ कर्मचारियों को अटैच किया गया, लेकिन उन्हें निलंबित या बर्खास्त करने के बजाय उन्हें वापस स्कूलों में भेज दिया गया। यह साबित करता है कि विभाग मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी बम्हनीडीह, एम.डी. दीवान ने दिनांक 10.07.2023 को उमाशंकर खूंटे, प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलादेही को नियम विरुद्ध शासकीय आर.के.के. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरिया में संलग्न कर दिया। उमाशंकर खूंटे पर आरोप था कि उन्होंने विद्यालय के छात्रों से टीसी के लिए रिश्वत ली थी। इसके अलावा, उन्हें बिना किसी उचित जांच और उनका पक्ष सुने बिना संलग्न किया गया।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने एक जूनियर व्याख्याता शमरीन खान को प्राचार्य का प्रभार भी सौंपा, जो नियमों के खिलाफ था। यह कदम हास्यास्पद था क्योंकि व्याख्याता की जिम्मेदारी लोक शिक्षण संचालनालय की होती है और उन्हें बिना किसी उपयुक्त प्रक्रिया के प्राचार्य का पद सौंपा गया।
इसके अलावा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दिनांक 05.08.2024 को पुल्केश खूंटे, सहायक ग्रेड 3, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तालदेवरी को नियम विरुद्ध अपने कार्यालय में संलग्न किया गया। इस मामले को लेकर शिकायतें लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, कमिश्नर बिलासपुर और चीफ जस्टिस हाई कोर्ट बिलासपुर में की गई हैं, ताकि विभागीय भ्रष्टाचार और लापरवाही पर ठोस कदम उठाए जा सकें। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि विभाग इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहा।
जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि वे इस मामले की जांच कराएंगे और आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अटैचमेंट को हटाने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इस पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह अभी तक साफ नहीं है।
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