विधानसभा चुनाव: रायपुर के चारों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार लगभग तय...
पप्पू फरिश्ता
प्रियंका और राहुल गांधी की गारंटी वाली योजना बनेगी कांग्रेस की जीत की गारंटी
रायपुर। 100 तीर, निशाना एक...इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रही है। इसी के तहत रायपुर शहर के सभी चारों विधानसभा सीट पर कांग्रेस का परचम लहराने रणनीति बनाई जा रही है। पार्टी के अंदरखाने से मिल रही खबरों के अनुसार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बड़ी बखूबी से रायपुर शहर की चारों विधानसभा सीटों पर कब्जे के लिए खाका तैयार किया है। खबर के अनुसार रणनीति पर अमल करने के लिए चारों विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को काम करने को कहा गया है। लगभग सभी कार्यकर्ता इस आदेश के बाद सचेत हो गए हैं और खेमेबंदी से ऊपर उठकर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा रहे हैं।
इनकी उम्मीदवारी तय...
वर्तमान परिदृश्य के अनुसार रायपुर शहर के चारों विधानसभा क्षेत्र में विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, कन्हैया अग्रवाल और पंकज शर्मा की उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है। विकास उपाध्याय और कुलदीप जुनेजा सींिटंग एमएलए हैं। वहीं ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा अपने पुत्र को टिकट दिलाने की तैयारी कर चुके हैं। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो रायपुर शहर की 2 सीट रायपुर पश्चिम और रायपुर ग्रामीण में कांग्रेस की अपनी जीत तय मान रही है वहीं अपने काम के बदौलत कुलदीप जुनेजा भी अपनी सीट बचाने में कामयाब हो जाएंगे ऐसे चुनाव पर्यवेक्षकों का मानना है। रायपुर दक्षिण में कद्दावर नेता के खिलाफ पिछला चुनाव कन्हैया अग्रवाल काफी कम अंतर से हारे थे ऐसे में उसको फिर से उम्मीदवार बनाए जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
भूपेश सरकार को लेकर लोगों का रुख सकारात्मक
ताजा सर्वे और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार प्रदेश में अभी माहौल कांग्रेस के पक्ष में है और कांग्रेसी सरकार फिर से बनती दिख रही है ऐसे में कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि इस चुनाव में कन्हैया अग्रवाल अपनी वैतरणी पार लगा लेंगे। पंकज शर्मा के पिता सत्यनारायण शर्मा पिछली बार ग्रामीण विधानसभा से अच्छे खासे अंतर से चुनाव जीते थे इसलिए वह इस बार अपने पुत्र पंकज शर्मा को टिकट दिलाना चाहते हैं और वह सफल भी होंगे ऐसा राजनीतिक पंडितों का कहना है। कुलदीप जुनेजा पिछली बार अपनी मेहनत से रायपुर उत्तर का चुनाव निकाल ले गए थे भीतरघातियों खुले घात और पीठ में छुरा भोंकने के बावजूद कुलदीप जुनेजा ने कांग्रेस को बड़ी जीत दिलाई थी, इस बार भी वह चुनाव जीतने में कामयाब होते दिख रहे हैं। उधर पश्चिम विधानसभा में विकास उपाध्याय है पिछली बार उन्होंने धाकड़ भाजपा नेता को हराकर सबके दिलों में राज किया। इस चुनाव में विकास उपाध्याय का दमखम खुलकर देखने को मिलेगा। विकास उपाध्याय की आलाकमान के साथ मजबूत रिश्ते और संगठन के नेताओं के साथ रिश्तों से खुली छूट मिली हुई है। इधर टीएस बाबा के कद बढ़ते ही मोहन मरकाम की ताकत बढ़ गई है अब यही हाल रहा तो कन्हैया अग्रवाल के टिकट मिलने से कोई भी रोक नहीं सकता और वह सबसे ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद प्रत्याशी साबित होंगे ऐसा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है। वैसे राजनीति में कुछ कहा नहीं जा सकता कब किसकी चाल भारी पड़ जाए कौन बाजी मार ले जाएगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन मिल रहे संकेतों से साफ है कि लोगों में भूपेश सरकार को लेकर बने सकारात्मक रुख को देखते हुए यह तो साफ पता चलता है कि शहर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हुई है और वह इसका पूरा फायदा लेने के लिए राजधानी की चारों सीट पर कब्जा करने की मंसूबों पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि अच्छे रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही विधायकों की दी जाएगी टिकट।
शहरों में जातिय फैक्टर नहीं, जनाधार वाले को टिकट...
आलाकमान की मंशा के अनुरूप यह तय माना जा रहा है कि ओबीसी, कुर्मी, पिछड़ा वर्ग साहू यह सब जाति समीकरण ग्रामीण अंचल तक ही सीमित रखा जाएगा और शहरों में कांग्रेस उच्च जातियों के धार्मिक, अल्पसंख्यक बनिया और ब्राह्मण जैसे जाति के साथ ही चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों को मौका देगी। राहुल गांधी-प्रियंका गांधी इसी रणनीति के आधार पर छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए खाका तैयार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी की गारंटी वाली योजना भी धड़ाधड़ लागू की जाएगी दिल्ली के गलियारों में कांग्रेस के आलाकमान की नजर में छत्तीसगढ़ की सरकार फिर से रिपीट हो रही है ऐसा मानकर चला जा रहा है। इसलिए कांग्रेसी किसी भी प्रकार के फार्मूले को छोडऩे को तैयार नहीं है। हर फार्मूले को अपने चुनाव रणनीति में शामिल करने के लिए नए-नए नेताओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है।