रायपुर। मालवीय रोड आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में अष्टानिका महापर्व का आयोजन किया गया। महामण्डल विधान के तीसरे दिन सुबह 7 बजे हर दिन की तरह अभिषेक शांतिधारा और आरती कर विधान प्रारम्भ किया गया। इसी संदर्भ में ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक और सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया कि, आज के श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान मे कुल 128 अर्घ चढ़ाये है। धार्मिक आयोजन के जरिए भक्ति भाव सें सभी ने भाग लिया, यह आयोजन चूड़ी वाला परिवार ने करवाया है। जिसका लाभ समस्त रायपुर जैन समाज के धर्म प्रेमी ले रहे हैं।
विधानाचार्य ब्र. जिनेश शास्त्री ने बताया कि, सृष्टि का सबसे बड़ा वरदान मां है। भारतीय संस्कृति मां, बहन और बेटी को महान आदर्श के रूप मे स्थापित करती है। इसलिए भारत विश्व गुरु के नाम सें जाना जाता था। हर किसी को नर सें नारायण आत्मा सें परमात्मा बनने की प्रथम शिक्षा मां सें प्राप्त होती है। मां के कोख में शिशु के अवतरण होते ही करुणा दया प्रेम के प्रतिक उसकी रक्षा करने का पोषण करने का प्रयास करती है। वह सात्विक भोजन के माध्यम सें उसके मन और आत्मा को वह व्यवस्थित करती है। जन्म के बाद अपने आंचल मे छुपा कर उसे बुरी नज़र सें बचाती है। संस्कारो के साथ उसका पालन करती है।