गरियाबंद। अब तक सोना चांदी हीरा मोती और तो और बड़े -बड़े बस और ट्रक की चोरी के मामले सामने आते रहे है लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में आज एक अनोखा चोरी का मामला सामने आया है जिसमें तहसील मुख्यालय मैनपुर से 22 किमी दूर बिहड़ जंगल में बसे आदिवासी कमार जनजाति ग्राम पंचायत गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं पूर्व सरपंच श्रीमति रेखा ध्रुव के नेतृत्व में सैकड़ो की संख्या में आदिवासी महिला पुरूष ग्रामीण मैनपुर थाना पहुंचकर थाना प्रभारी के नाम लिखित में आवेदन दिया है। आवेदन में ग्रामीणो के द्वारा बताया गया है कि आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा वर्ष 1989 से संचालित हो रहा था और वर्ष 2012-13 में चोरी हो गया जिसकी खोज खबर करते और पता लगाते 10 वर्ष हो गया लेकिन अब तक आदिवासी बालक बालिका आश्रम नही मिला हम ग्रामीण अपने स्कूली बच्चो को कहां पढ़ाई करने भेजे, अतः थाना प्रभारी से निवेदन है कि आदिवासी बालक बालिका आश्रम ढुंढने की कृपा करेगे। पुलिस के सामने अजीब तरह के पहली बार यह मामला आया है। इसके बाद ग्रामीणो ने इस मामले को लेकर एसडीएम कार्यालय एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी पहुंचे थे लेकिन आज अवकाश होने के कारण कार्यालय बंद रहा और इन कार्यालयो में आवेदन नही दे पाये।
तहसील मुख्यालय मैनपुर से 22 किमी दूर दूरस्थ वनांचल में बसा ग्राम पंचायत गोबरा में शासन द्वारा विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के बच्चो को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने सन् 1989 में आदिवासी बालक आश्रम प्रारंभ किया गया इस आदिवासी बालक आश्रम में 100 बच्चे अध्यनरत थे और वर्ष 2010-11 में जब बड़ेगोबरा आश्रम भवन निर्माण के लिए लाखो रूपये की राशि जारी किया गया तो आश्रम भवन को बड़ेगोबरा के बजाय दूसरी अलग पंचायत वहां से लगभग 10 किमी दूर ग्राम पंचायत भाठीगढ़ में पहाड़ी के नीचे निर्माण कर दिया गया जब आश्रम भवन गोबरा के लिए लाखो रूपये राशि स्वीकृत हुआ तो उस समय किस अफसर के कहने से इस आश्रम भवन को भाठीगढ़ में निर्माण किया गया अब तक इसकी जाॅंच नही की गई और ग्राम गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम एवं ग्रामीणो के मुताबिक सन् 2012-13 में रातो रात बगैर किसी को बताए इस आश्रम के पूरे सामाग्री को भाठीगढ़ में लाकर स्थानांतरित कर दिया गया तब सुबह ग्राम गोबरा के ग्रामीणो को इसका पता लगा तो ग्रामीणो ने मैनपुर शिक्षा विभाग में पहुंचकर लिखित में शिकायत करते हुए भी 10 वर्ष पहले भी आश्रम चोरी होने की बात कही थी तब शिक्षा विभाग के आला अफसरो के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही बड़ेगोबरा में आश्रम को वापस भेज दिया जायेगा लेकिन अब तक नही भेजा गया इस दौरान पिछले 10 वर्षो से लगातार ग्रामीणो के द्वारा विधायक, सांसद, कलेक्टर और मंत्री तक को भी कई बार आवेदन देकर थक चुके है तब कही जाकर आज शनिवार को ग्रामीण मैनपुर थाना की शरण लिए है और थाना प्रभारी से मांग किया है कि बड़ेगोबरा के आश्रम को ढुंढने उनकी मदद किया जाये।
ग्राम पंचायत गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम, पूर्व सरपंच रेखाबाई ध्रुव, भूपेन्द्र कुमार ध्रुव, पुनिया बाई, हीराबाई, सुनिता, हेमबाई, रतनी बाई, सगनीबाई, सालिक राम विश्वकर्मा, बंशीराम, रामगुलाल, नंदकुमार, संतोष कुमार, दुर्गेश, कन्हैया, जगेश, लखनलाल, जोहन, सुबेलाल, किशनलाल, देवचरण, दशरथ, रामदयाल, मानसिंग, जगलाल, उमेश, थानूराम, बोहरन, भगतराम ने मैनपुर पहुंचकर बताया कि ग्राम गोबरा में संचालित आश्रम वर्ष 2012-13 में रातो रात चोरी हो गया जिसकी लिखित शिकायत मैनपुर थाना में किये है उन्होने बताया आश्रम शाला चोरी होने से आदिवासी कमार बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे है इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
मैनपुर थाना प्रभारी सूर्यकांत भारद्वाज ने बताया कि ग्राम पंचायत बड़ेगोबरा वासियो द्वारा एक लिखित आवेदन मिला है जिसमें आदिवासी बालक बालिका आश्रम शाला बड़ेगोबरा चोरी होने की शिकायत किये है।