छत्तीसगढ़

सशस्त्र बल के जवानों को मानसिक तनाव और आत्महत्या रोकथाम हेतु दिया गया प्रशिक्षण

Nilmani Pal
6 Jan 2022 2:40 AM GMT
सशस्त्र बल के जवानों को मानसिक तनाव और आत्महत्या रोकथाम हेतु दिया गया प्रशिक्षण
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सूरजपुर। जिले के 10वीं वाहिनी छ.ग. सशस्त्र बल सिलफिली के जवानों को मानसिक तनाव से बचने की जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सूरजपुर द्वारा किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य विभाग के अधिकारियों एवं जवानों को तनाव और आत्महत्या रोकथाम हेतु गेटकीपर से अवगत कराना था। दो दिवसीय हेतु आयोजित इस कार्यशाला में जवानों को नशा एवं नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया गया। जिला परिवार कल्याण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. काशी राम खुसरो द्वारा कार्यशाला के प्रथम चरण में अधिकारियों एवं जवानों को मानसिक स्वास्थ्य, लक्षण एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। डॉ. खुसरो ने कहा कि हमें काम के साथ-साथ व्यायाम एवं मनोरंजन का सहारा लेना चाहिए जिससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है। परिवार एवं परिवार के बाहर भी खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिससे अन्य लोगों को भी खुशी मिल सके।

कार्यशाला के दूसरे चरण में डॉ. खुसरो ने बताया आत्महत्या तनाव की अंतिम स्थिति होती है। तनाव प्रबंधन को अगर उचित रूप से किया जाए तो आत्महत्या रोकथाम में मदद मिलती है। एक अच्छा राजदार आपको तनाव से मुक्ति दिला सकता है। आत्महत्या रोकथाम के लिए हमें लोगों के व्यवहार में आ रहे बदलाव को भी समझना चाहिए उनके आसपास के वातावरण को खुशनुमा बनाने का प्रयास करना चाहिए।

कार्यस्थल पर होने वाले तनाव को आपसी समन्वय के साथ कम करना चाहिए। नकारात्मक भावनाओं का दमन करने या उससे छुटकारा पाने का प्रयास करने के बजाय समस्याओं का नए नजरिये से विश्लेषण कर उसका समाधान करें। कार्यस्थल पर होने वाले तनाव को लेकर अपने परिवार के बीच समन्वय बैठाने का प्रयास करें। उन्होंने गेटकीपर ट्रेनिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया, कार्यस्थल पर अगर किसी व्यक्ति के मन मे आत्महत्या का विचार उत्पन्न हो रहा हो तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है। इसलिए तनाव से ग्रसित व्यक्ति को पहचानना जरूरी है। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों या करीबी से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। इसके अतिरिक्त टोल फ्री नम्बर 104 पर डायल कर मनोवैज्ञानिक सलाह लिया जा सकता है।

दो दिवसीय कार्यशाला में डिप्टी कमांडेंट विजय कुजुर, सहायक सेनानी भुनेश्वर पैकरा, कुशल चंद टोप्पो, कंपनी कमांडेंट आनंद सिंह रावत, डॉ. विनीत सिंह एवं जवान उपस्थित थे। यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. काशीराम खुसरो, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. शशि तिर्की, जिला नोडल अधिकारी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ.राजेश पैकरा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनिता पैकरा एवं मानसिक स्वास्थ्य ईकाई के साइकोलॉजिस्ट सचिन मातुरकर व सोशल वर्कर प्रियंका मण्डल, नर्सिंग ऑफिसर मनोज कुमार के सहयोग से आयोजित किया गया।

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