राजधानी के रास्ते सुपारी की तस्करी, छग पुलिस को हवा नहीं...
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टोकन के सहारे धड़ल्ले से हो रही विदेशी सुपारी की तस्करी
म्यांमार से वाया उत्तर बंगाल होती है सुपारी तस्करी
जान कर भी अंजान बनी है पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां
सो रहा जीएसटी अमला व कस्टम डिपार्टमेंट
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। नेपाल और बंगाल के रास्ते देश के पश्चिमी राज्यों में विदेशी सुपारी की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। इस तस्करी के लिए छत्तीसगढ़ बड़ा कारिडोर बना हुआ है। नेपाल से बिहार, झारखंड और बंगाल से झारखंड होते हुए रोज दर्जनों ट्रकें छत्तीसगढ़ होकर महाराष्ट्र और गुजरात पहुंच रही हैं। छत्तीगढ़ की पुलिस और उनकी खुफिया एजेंसियां आज तक सुपारी लेकर गुजर रही किसी ट्रक को पकड़ नहीं पाई हैं। हर दिन रात्रि में 20-24 चक्के वाली ट्रकें टनों सुपारी लेकर निर्बाध गुजर रही हैं लेकिन लोकल यहां तक की राजधानी की पुलिस भी इसे ट्रेस कर पाने में नाकाम हैं। रोज हजारों टन सुपारी इन राज्यों में पहुंच रही हैं। एक किलो सुपारी की कीमत कम से कम 400 रुपए होती हैं। एक ट्रक में 25-26 टन माल लदा होता है। तस्कर सुपारी को सार्क देशों से मंगाना बताकर 90 फीसदी ड्यूटी बचा लेता है। इस तरह सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सार्क देशों से माल मंगाने पर 10 से 20 फीसदी ड्यूटी देनी होती है जबकि अन्य देशों से आयात पर 120 फीसदी ड्यूटी देना पड़ता है। सुपारी तस्करी में एक पूरा सींडीकेट काम कर रहा है। जिन्हें तस्करी के कारिडोर में आने वाले तमाम राज्यों के नेताओं का संरक्षण मिल रहा है। जिसके चलते तस्करी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
म्यामार-इंडोनेशिया से पहुंच रही सुपारी
दरअसल म्यांमार-इंडोनेशिया से वाया उत्तर बंगाल विदेशी सुपारी की तस्करी हो रही है। इसकी जानकारी डीआरआई, कस्टम्स और सुरक्षा एजेंसियों को भी मिली है। लेकिन कोई भी इस तस्करी को रोकने के लिए आगे नहीं आ रहे है। अधिकारियों के एक बड़े वर्ग का कहना है कि यह तस्करी हाई प्रोफाइल है। अगर कुछ किया तो नौकरी भी जा सकती है। पिछले वर्ष विदेशी सुपारी तस्करी की खबर उजागर होने के बाद तस्करी पर रोक लग गयी थी। लेकिन एक बार फिर साल के अंत में वे रोक-टोक यह धंधा परवान चढ़ रहा है। इसके लिए प्रत्येक ट्रक में एक टोकन दिया जा रहा है। टोकन देखने के बाद कोई भी तस्करी विरोधी एजेंसी या पुलिस के अधिकारी ट्रक को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। कहते है कि यह मामला बड़ा हाई प्रोफाइल है। इसके तार बड़ी बड़ी हस्तियों से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार सुपारी ट्रकों से म्यांमार से कोलकाता समेत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब समेत विभिन्न प्रांतों में ले जाया जाता है। प्रत्येक ट्रक में करीब 20 से 25 टन सुपारी लदी होती है। इसकी कीमत करीब 90 लाख से एक करोड़ रुपये होती है। इसके आधार पर प्रतिदिन करीब 25 से 30 करोड़ रुपये की सुपारी तस्करी से भारत सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
ऐसे होती है तस्करी
इंडोनेशिया से म्यांमार के मिजोरम चंपाई व टियाहू नामक अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय सीमा में सुपारी की तस्करी की जाती है। फिर उसे ताम्बूल, हालाईकारी, इंफाल, दीमापुर, सिल्चर में डंप किया जाता है। वहां से इसे सड़क मार्ग से कंटेनर से 90 किलोग्राम के बोरे में लाया जाता है। उसके बाद 50 किलोग्राम के बोरे में पैकिंग करने के बाद उसे उत्तर बंगाल के फालाकाटा और धूपगुड़ी लाया जाता है। यहां से तस्करों के खुद के तैयार ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भारतीय बाजारों में भेजा जाता है। तस्करी की सुपारी का सबसे बड़ा खरीददार कोलकाता, उत्तर प्रदेश के कानपुर के नयागंज और ऐशबाग व महाराष्ट्र का नागपुर है।
मोटी कमाई का लाभ
एजेंसियों के अनुसार पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों और उत्तर बंगाल के तराई -डुवार्स क्षेत्र में दो लाख से अधिक परिवार सुपारी उत्पादन से जुड़े हुए है। यहां का उत्पादित सुपारी की कीमत 400 से 500 रूपये किलोग्राम तक होती है। इंडोनेशिया से म्यांमार के रास्ते आ रही सुपारी की कीमत 300 से 350 रूपये किलोग्राम तक है। इसे तस्करों द्वारा भारतीय बाजार और गुटका व पान मसाला कारोबारियों के बीच 280 से 325 रूपये किलोग्राम के भाव बेची जाती है। मोटी कमाई के कारण तस्करी रोकने वाली एजेंसियों की ओर से कई प्रकार के बहाने बनाए जा रहे है। इसका ही परिणाम है कि यह धंधा बेरोक-टोक फल-फूल रहा है।
कर्नाटक के मैंगलोर इलाके में देश की अच्छी क्वालिटी की सुपारी का उत्पादन होता है। यहां लाल सुपारी बेस्ट 500 रुपये किलो व सफेद सुपारी का नया स्टाक 420 से 475 रुपये प्रति किलो उत्पादक क्षेत्रों में विक रहा है। वहीं देश के बाकी क्षेत्रों में यही सुपारी 600 और 550 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है।
महाराष्ट्र में 15000 करोड़ के घोटाले का अनुमान
महाराष्ट्र में विगत वर्ष विदेशी सुपारी तस्करी का खुलासा हुआ था। हानिकारक सड़ी सुपारी तस्करी और सीमा शुल्क चोरी के मामले में सीबीआई ने तस्करों के मुंबई, अहमदाबाद और नागपुर में 19 ठिकानों पर छापे मारे थै इस दौरान काफी अहम दस्तावेज बरामद हुए। माना जा रहा है कि यह घोटाला करीब 15000 करोड़ का हो सकता है। तस्कर हानिकारक और सड़ी सुपारियों के आयात में कर की चोरी कर रहे थे। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के आदेश पर सीबीआई ने बीते 5 मार्च को सीमा शुल्क विभाग और आबकारी विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सूत्रों के मुताबिक अदालत में दायर याचिका में 15000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया गया था, जबकि अभी तक इस मामले में कुछ करोड़ के घोटाले का ही सुराग मिल पाया है। याचिका में कहा गया था कि तस्कर अवैध रूप से सड़ी और हानिकारक सुपारी मंगाते हैं। यह गिरोह सार्क देशों से आयात दिखाकर छूट लेता है जबकि सड़ी और हानिकारक सुपारी किसी अन्य देश से उनके पास पहुंचती है।
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