छत्तीसगढ़

गरीब मरीज हॉस्पिटलों में लुटा रहे, शासन-प्रशासन बेखबर?

Nilmani Pal
4 May 2024 11:00 AM GMT
गरीब मरीज हॉस्पिटलों में लुटा रहे, शासन-प्रशासन बेखबर?
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छुरिया। छत्तीसगढ़ प्रदेश मे वर्तमान मे भाजपा सरकार है सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश के किसान गरीब मजबूरो के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाए बना कर ग्रामीण क्षेत्र मे लोग को लाभ पहुचे के प्रयास मे लगे हुए है ,पूर्व सरकार मे गरीबों के भलाई के लिए भी अनेक योजनाएं बना पर उसका लाभ जनता के बजाए भ्रष्ट नेता अधिकारी ने उठाया प्रदेश मे हम स्वास्थ विभाग के कारनामों पर धजर डाले तो यहां निजी अस्पतालों मे ईलाज व टेस्ट के नाम से मरीजों से मनमानी तरीके से लूटा जा रहा है ।पूर्व सरकार के मंत्री नेता अधिकारी इस व्यवस्था ठीक करने कभी कोई कानून या नियम बनाने कभी पहल नहीं किया परिणाम रहा सरकार का सबसे महत्वपूर्ण योजना मरीजों के लिए स्मार्ट कार्ड आयुष्मान कार्ड है का लाभआम मरीजों को नही मिल पाया , प्रदेश मे स्वस्थ विभाग मे सरकार द्वारा मरीजों के ईलाज के लिए जो सरकारी सुविधाएं उपलब्ध है,उसका प्रचार प्रसार पूर्व सरकार ने नहीं किया न ही वर्तमान मे उसका प्रचार प्रसार का कोई उम्मीद दिख रहा है ,एक तरफ सरकार व सरकार अमला स्वछता व अन्य कई योजनाओं के प्रचार प्रसार मे करोड़ों रूपया खर्च कर देता है . वर्तमान मे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों मे महगी दवाएं अच्छे अनुभवी डाक्टर टेस्ट के लिए उच्च तकनीकी युक्त मशीनें सरकारी उपलब्ध है , पर दूरभाग्य है जहाँ टेस्ट व ईलाज भी फ्री मे हो रहा है, उसका सरकार कभी प्रचार या पोस्टर होडिंग नहीं लगवाया उसके चलते सरकार द्वारा ऐसे अनेक सुविधाएं मरीजों व आम लोगो के लिए चलाए जा रहे है ,जानकारी के आभाव के चलते प्राईवेट अस्पतालों मे मरीज ईलाज के लिए जाने को मजबूर हो जाते है जहाँ उन्हें ईलाज के नाम मे उन्हें लुटा जा रहा है शासन प्रासासन के लोग सब जानकर भी अंजान मौन साधे हुए है वर्तमान मे प्रदेश के आम लोगो को भाजपा के नई सरकार से उम्मीद है प्रदेश के निजी अस्पतालों के मनमानी पर कोई नया कड़ा काननू व नियम बना कर इस बिगड़े हुए व्यवस्था को दूरूस्त कर गरीबों का भला करेंगे। स्मार्ट कार्ड धारीयो को अस्पतालों मे ईलाज कराने जाने पर अपमानित होना पड़ रहा है सरकारी नुमाईदे इस योजना का पलीता लगाने मे लगे हुए है।

प्रदेश मे स्वास्थ्य विभाग मे अधिकारी के लापरवाही के चलते प्रदेश सरकार द्वारा गरीब मरीजो के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं लागू किया है पर उसका का लाभ आम लोगो के बजाए प्राईवेट अस्पताल के संचालक व अधिकारी के मिलीभगत उठा रहे है ,स्वास्थ विभाग का अमला जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है जनप्रतिनिधी कार्यवाही कराने के बजाए दे रहे है ऐसे अस्पताल संचालको को सरक्षण .

प्रदेश के बड़े शहरों मे अनेक नामी प्राईवेटअस्पतालों है जहां गरीबों को ईलाज के आड़ मे मनमानी फीस व महगी दवाई का पर्ची लिखकर बेहिसाब लुटने का गोरख धन्धा धड़ल्ले से चल रहा है। सत्ता सरकार के जनप्रतिनिधियों इस बात से अनभिज्ञ है । शासन प्रसासन के गाईडलाईन का भी इनअस्पतालो मे कोई असर नहीं है जब एक मरीज अस्पताल अपने ईलाज के लिए किसी निजी अस्पताल मे पहुचता है तब वहाँ डाक्टर सबसे पहले उक्त मरीज को पहले हजारों रुपये का टेस्ट का पर्ची थमा देते है

खबर है प्रदेश मे कफी लम्बे समय से प्राईवेट हास्पिटलो मे डाक्टर कमीशन के चक्कर मे मरीजों को बेवजह एक लम्बा टेस्ट का पर्ची थमा देते है फीर महगी दवाएं उसके बाद चलता है टेस्ट के नाम मरीजों को लुटने का खेल कुछ माह पूर्व ;-सिटी स्क्रीन 1500 सौ से 2000 मे होता था आज उसका रेट 3500-4000 कर दिया गया है सोनोग्राफी 600 का 1200 से- 1500 कर दिया गया है ब्लड टेस्ट जीस रेट मे किया जाता था वर्तमान मे ईन टेस्टो का तीन गुना रेट बड़ा दिया गया है शासन द्वारा इनका फीस का कोई रेट निर्धारित नहीं करना आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है लोगों मे इस बात को लेकर सरकार के लिए जमकर नाराजगी है क्या इस लुट का पता शासन प्रसासन को नहीं होगा ऐसा सभंव नही है वर्तमान मे प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनाए गए योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल रहा है प्रदेश के उच्च अधिकारी नहीं चाहते इसका लाभगरीब जरूरत मन्दो को मिले या वे सरकार को बदनाम कर विपक्ष को इनके खिलाफ मुद्दा देना चाह रहे है वर्तमान मे प्रदेश मे प्राईवेटअस्पतालों मे मरीजों से ईलाज के नाम लुट का जो खेल खेला जा रहा है अगर सयय रहते इसे नियत्रित नहीं किया गया तो भविष्य मे सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा

छत्तीसगढ़ मे गरीबों के लिए आयुशमान व स्मार्ट कार्ड युद्ध स्तर पर बनाया तो गया मगर प्रदेश सहीत विषेश कर राजनांदगांव दुर्ग भिलाई मे इस योजना का लाभ आम मरीजों को नहीं के बराबर मिल रहा है जब कोई मरीज का परीजन ईलाज के लिए स्मार्ट कार्ड लेकरर प्राईवेट अस्पताल जाता है तब उक्त मरीज को धृणा के नजर से देखा जाता है और कई उसे तरह के बहाने बता कर उक्त कार्ड से ईलाज के लिए इन्कार कर दिया जाता है उसके बाद मरीज से नगद राशि से ईलाज के नाम लुटने का खेल खेला जाता है ,क्या इन प्राईवेटअस्पतालों के मालिकों को शासन प्रासासन के जवाबदार लोग मनमानी करने का छूट दिए हुए है बेखौफ होकर इस तरह अस्पताल संचालकों द्वारा लूट का करोबार उच्च अधिकारियों व नेताओं के सरक्षण के बिना संभव नहीं है शासन प्रसासन मुक दर्सक बना हुआ है।


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