छत्तीसगढ़

कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त आयोग पर हो सुन्नी मुसलमान की नियुक्ति

Nilmani Pal
12 Nov 2021 4:02 PM GMT
कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त आयोग पर हो सुन्नी मुसलमान की नियुक्ति
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  1. अल्पसंख्यक आयोग में चेयरमेन नहीं बनाने से मुस्लिम समाज नाराज
  2. कैबिनेट दर्जा प्राप्त पद पर मुस्लिम प्रतिनिधि चाहते हैं मुसलमान
  3. मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल कर सकते है सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात

रायपुर। छत्तीसगढ़ का मुस्लिम समाज बहुतायत में कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा है और चुनावों में मुस्लिम कार्यकर्ता वफादारी और निष्ठा के साथ पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने के जमकर पसीना बहाते रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े होने के कारण लोंगो में पार्टी नेतृत्व और नेताओ से अपेक्षा भी रहती है। लगभग तीन साल पहले जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी मुस्लिम समाज को लगा कि अब उन्हें राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे सरकार के माध्यम से समाज के कल्याण के कुछ कार्य करने के साथ अपनी समस्याओं का समाधान भी निकाल सकेंगे। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बनने पर अल्पसंख्यकों विषेश कर मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए बनाए के आयोग और दीगर प्रतिष्ठानों में मुस्लिम समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। खासकर अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन का पद मुसलमान अपने कुनबे चाहता है लेकिन कांग्रेस सरकार ने अन्य समुदाय से चेयरमेन नियुक्त कर दिया। इससे समाज के लोगों में मायूसी है। समाज के लोगों का मानना है कि अल्पसंख्यक आयोग ही ऐसी सरकार प्रवर्तित संस्था है जिसके माध्यम से मुस्लिम समुदाय अपनी जरूरतों और समस्याओं को सरकार तक पहुंचा कर उसका समाधान निकलवा पाता है। चूंकि अल्पसंख्यक समुदाय में सर्वाधिक जनसंख्या मुसलमानों की है ऐेसे में समाज का आयोग के चेयरमेन के पद पर दावा वाजिब है। समाज से जुड़े नेताओं का भी मानना है कि गैर मुस्लिम चेयरमेन होने से समाज के लोगो की अपेक्षा पूरी नहीं हो पाती और नहीं उनकी समस्याओं का समाधान ही हो पाता है। आयोग का अध्यक्ष जमात से होने से लोगों को यह भी इत्मिनान रहता है कि समाज का कोई व्यक्ति कैबिनेट दर्जा तो रखता है। इस संबंध में सुन्नी मुस्लिम समाज का प्रतिनिधि मंडल सीएम भूपेश बघेल से मिलने की तैयारी कर रहे है. वही सामाजिक स्तर पर इसे लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है.

हालाकि कांग्रेस सरकार द्वारा आयोग का चेयरमेन अन्य समुदाय से बनाने के पीछे अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य वर्ग की नाराजगी को रोकना बताया जा रहा है लेकिन समाज के लोग इस तर्क से सहमत नहीं हैं। समाज के कांग्रेस से तालुल्क रखने वाले अनेक नेताओं ने मुखरता से इस बात की वकालत की है कि सबसे बड़ा अल्पसंख्यक तबका होने के चलते मुस्लिम समाज से ही आयोग का चेयरमेन बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस के लिए समर्पित ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जिन्हे चेयरमेन बनाया जा सकता है ऐसे लोगों में बदरुद्दीन कुरैशी, सलाम रिजवी, शेख नाजीमुद्दीन, शेख निजामुद्दीन, मोहम्मद ताहीर, सैयद जाकिर अली वरिष्ठ अधिवक्ता, इदरीश गांधी, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद सद्दाम, मुश्ताक खोखर, मोहम्मद सिददीक, शकील खान रिजवी, अनवर हुसैन, नौमान अकरम हामिद, मोहम्मद अशरफ हुसैन, मोहम्मद असलम, मोहम्मद अंसार, जलील कबीर, अब्दुल वहीद, पप्पी सेठी, शेख वलीउल्लाह, शेख मुशीर, जावेद रजा, मुबारक खान गोरी, अजिज भिंसरा, मुजफ्फर गुड्डू, अलीम अंसारी, सगीर सिद्दीकी, मोहम्मद इमरान, हाजी अखलाक खान(कोरबा), अनवर खान(जगदलपुर), वहीद भाई, शेख अय्युब(बिलासपुर), नसीम खान, रफीक खान(भिलाई), शकील रिजवी(दंतेवाड़ा), इरफान मेमन(केशकाल) समेत छत्तीसगढ़ के हर शहर में कांग्रेस के समर्पित मुस्लिम कार्यकर्ता हैं जिन्हें नुमाइन्दगी सौंपी जा सकती है।

इस मामले में कांग्रेस नेता मोहम्मद शब्बीर ने कहा कि हमारे अंदर कोई नाइत्तफाकी नहीं है। किसी भी एक मुस्लिम नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि वह समाज के खातिर काम करेगा। इसके लिए लोग सरकार और सीएम का शुक्रिया ही अदा करेंगे। वहीं जुबैर खान का कहना है कि छत्तीसगढ़ के किसी भी कांग्रेस के निष्ठावान मुस्लिम कार्यकर्ता को पद दिया जाता है तो समाज मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करेगा। कार्यकर्ता चाहे किसी भी शहर गांव का हो, समाज को प्रतिनिधित्व मिलना महत्वपूर्ण होगा।

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