नक्सलियों के कोर क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना के फलस्वरूप आज दक्षिण बस्तर के दूरस्त क्षेत्रों जैसे जगरगुण्डा, किस्टाराम, भेजी, पामेड़, बासागुड़ा, तर्रेम में बेहतर सड़कें, पुल-पुलियों का जाल, स्कूल, बिजली, पीडीएस, मोबाईल आदि की सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।
नारायणपुर, कोण्डागांव, बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिलों को जोड़ने वाली बरसों से बंद स्टेट हाइवे क्रमांक-05 पल्ली (नारायणपुर)-बारसूर (दंतेवाड़ा) मार्ग पुनः प्रारंभ किया गया है। इसी प्रकार धुर नक्सली क्षेत्र जिला-सुकमा के जगरगुण्डा को जिला-दंतेवाड़ा से जोड़ा गया है। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे अधोसंरचना संबंधित कार्यों को सुरक्षा के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर नक्सलवाद के विरूद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिये गये। साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात राज्य और केन्द्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के कल्याण संबंधी चर्चा की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती राज्यों विशेषतः महाराष्ट्र, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश और उड़ीसा के उन मार्गों पर सुरक्षाबलों द्वारा सतत् निगरानी के निर्देश दिये गये, जहां से नक्सलियों का आवागमन होता है और सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचनाओं को साझा किये जाने पर भी जोर दिया गया।