छत्तीसगढ़

सरकारी डॉक्टर का एक और कारनामा

Nilmani Pal
7 Nov 2022 7:00 AM GMT
सरकारी डॉक्टर का एक और कारनामा
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7500 वर्ग फुट जमीन का कराया फर्जी नामांतरण

महिला की जमीन हड़पने कूटरचना कर तैयार किया फर्जी बैनामा

रायपुर-अभनपुर के दो जमीनों के हू-ब-हू एक ही दस्तावेज

जमीन माफिया के साथ विभागीय लोग कर रहे फर्जीवाड़ा

सरकार और संबंधित विभाग के बड़े अधिकारी बेखबर

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में फर्जी खरीदी-बिक्री, पंजीयन व नामांतरण करवा कर लोगों की बेशकीमती जमीनों को हथियाने का बड़ा खेल चल रहा है। जमीन माफिया के साथ इस खेल में संबंधित विभागों के लोगों के भी सांठगांठ होने की आशंका है जिनके सहयोग से फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा है। राजधानी के कोटा स्थित एक काबिज जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा कर नामांतरण करवाने का मामला सामने आया है जिसे एक सरकारी डाक्टर ने अंजाम दिया है। पंजीयन फर्जी होने के बाद राजस्व न्यायालय ने नामांतरण को रद्द कर फिर से उसे पुराने नाम पर दर्ज कर दिया है लेकिन मामले में फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाना तो दूर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी गई। खानापूर्ति के लिए फर्जीवाड़े की थाने मे सूचना दे दी गई लेकिन पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है। हालाकि एसडीएम देवेन्द्र पटले का कहना है कि मामले की शिकायत हुई तब जांच के बाद नामांतरण आदेश खारिज कर दिया गया है। रिकार्ड में भी इसे दुरुस्त कर दिया गया है। पुलिस को भी पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

दरअसल एक महिला जिसका नाम इफरत फारूखी पति एजाजुददीन फारूखी है ने अपनी कोटा स्थित जमीन पहनं 107/51, प्लाट नंबर 26, खसरा नंबर 152 का भाग, रकबा 15000 वर्गफीट को 1990 में मिथिला शर्मा और उसकी देवरानी सरस्वती देवी को बेचकर जमीन का कब्जा देकर व जमीन का पैसा लेकर बैतूल मध्यप्रदेश चली गई और वहीं स्थाई रुप से निवास करने लगी। 25 मार्च 1992 को अतहर शाह अधिवक्ता के माध्यम से मिथिला शर्मा और सरस्वती देवी के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई। सरस्वती देवी परिवारिक कारणों से जमीन का शासकीय अभिलेखों में नामांतरण और उससे सम्बन्धित आगे की प्रक्रिया नहीं करवा पाती है। जिसके चलते तहसील व अन्य शासकीय दस्तावेजों में उक्त जमीन विक्रेता के नाम पर ही दर्ज है। नामांतरण के लिए पटवारी से जानकारी लेने पर पता चला कि भू माफियाओ ने 7500 वर्ग फीट का 03 अगस्त 1995 को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर फर्जी बैनामा करा लिया है। तहसील कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज करने पर पता चला कि उसी फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर रोहिणी कुमार पटेल निवासी मोवा रायपुर के द्वारा तहसील कार्यालय से 2021 में उक्त जमीन का नामांतरण करवाया लिया गया है।

फर्जी रजिस्ट्री से नामांतरण

जुलाई 2021 को तहसील कार्यालय में एक शासकीय डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल 1995 में उक्त जमीन की पंजीयन पेपर और शपथ पत्र के साथ अपने नाम पर नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय रायपुर में आवेदन देता है। जिसकी एक लम्बी शासकीय प्रक्रिया के बाद 29/11/2021 को तहसीलदार द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही के माध्यम से नामांतरण डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल के नाम पर कर दिया जाता है। नामांतरण हो जाने के बाद जमीन पर कब्जा करने के उददेश्य से कुछ अनजान लोगों के द्वारा कुछ समान उक्त जमीन पर भेजा जाता है। साथ में एक बोर्ड भी लगाया जाता है। जिससे यह संदेश लिखा होता है कि उक्त जमीन के मालिक डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल ने इस जमीन का सौदा किसी अन्य व्यक्ति के साथ कर दिया है। इस घटना के बाद सरस्वती देवी के परिवार के लोग इसका विरोध करते है। थाने से लेकर अन्य सभी शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाते है। तब जाकर उन्हें पता चलता है कि डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल नामक व्यक्ति ने अपने नाम उक्त जमीन को अपने नाम पर तहसील कार्यालय में नामांतरित करवा लिया है।

फर्जी दस्तावेज से पंजीयन

उच्च स्तर पर शिकायत करने पर तहसील और अनुविभागीय कार्यालय में आपत्ति दर्ज कर सुनवाई शुरू हुई। सुनवायी के दौरान पता चलता है कि डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल ने जिन पंजीयन पेपर के माध्यम से नामांतरण करवाया है वह कूटरचित और फर्जी तरीके से तैयार किये गये है। कूटरचना के लिए डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल ने जिन दस्तावेजों को देखकर और जिनका पंजीयन क्रमांक इत्यादि कापी किया है उसका संबंध किसी अन्य पंजीयन के दस्तावेजों है। जिनका संबंध कोटा स्थित उक्त जमीन के साथ नहीं है। जिस जमीन के पंजीयन दस्तावेजों को देखकर हुबहू फर्जी पेपर तैयार किये गये हैं उस जमीन का संबंध उक्त जमीन से नहीं है। पंजीयन कार्यालय में कोटा स्थित उक्त जमीन के कोई दस्तावेज डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल के नाम पर होना नहीं पाया गया। डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल द्वारा प्रस्तुत पंजीयन पेपर में दर्ज ग्रन्थ कमांक, पृष्ठ कमांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन दिनांक इत्यादि के आधार पर जानकारी पंजीयन कार्यालय से प्राप्त करने पर पता चलता है कि पंजीयक कार्यालय में उक्त ग्रन्थ कमांक, पृष्ठ क्रमांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन दिनांक अभनपुर स्थित जमीन के उपयोग में लाया गया है। जिस जमीन का मालिक कोई और है।

दूसरी रजिस्ट्री में हेरफेर कर तैयार किए फर्जी दस्तावेज

अभनपुर स्थित जमीन के पंजीयन पेपर और डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल द्वारा कोटा स्थित जमीन के प्रस्तुत पंजीयन पेपर को देखने से साफ स्पष्ट होता है कि अभनपुर स्थित जमीन के पंजीयन पेपर की हूबहू कापी कर कूटरचना कर कोटा स्थित जमीन के फर्जी पंजीयन दस्तावेज तैयार किये गये है। जिस प्रकार के टाइपराईटर का इस्तमाल टाइपिंग के लिए दोनों पेपरों में किया गया है, दोनों एक ही प्रतीत होते है। जांच के बाद इसकी पुष्टि करते हुए उप पंजीयक रायपुर ने अपने पत्र क्रमांक 143/मु.उ.पं./2022 दिनांक 22 मार्च 2022 में लिखा कि रेकार्ड रूम ग्रंथ क्रमांक19006 पृ. क्रमांक 90 93 पंजीयन दिनांक 03 अगस्त 1995 में दस्तावेज क्रमांक 5564 पंजीबद्ध है, जिसमें विक्रेता खेलूराम पिता कलीराम साहू निवासी सिवनी, थाना अभनपुर रायपुर मप्र तथा क्रेता नंदाबाई पति स्व. गैंदसिह चंदेल वगैरह के मध्यम ग्राम सिवनी पहनं 135 रा.नि.मं. अभनपुर स्थित खसरा नंबर 290 रकबा 0.486 हेक्टेयर का विक्रय पत्र है। जिसे आरोपी रोहिणी कुमार पटेल द्वारा ग्राम कोटा पहनं 107/51 रायपुर स्थित परिवर्तित भूमि शीट नं-07 भूखंड क्रमांक 26, खसरा नंबर 152 का भाग रकबा 7500 की रजिस्ट्री बना दी गई।

फर्जीवाड़े के बाद भी एफआईआर नहीं

राजस्व न्यायालय की सुनवाई के दौरान पंजीयन कार्यालय से संबंधित जमीन का पंजीयन फर्जी पाए जाने के बाद भी इस फर्जीवाड़े में न तो कोई एफआईआर हुआ है और नहीं कोई दिगर कार्रवाई कूटरचना कर करोड़ों की जमीन हथियाने की साजिश करने वालों के खिलाफ हुई है। कूटरचना करने वाले डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल के खिलाफ किसी प्रकार की वैधानिक कार्यवाही अब तक क्यों नहीं की गई यह आश्चर्यजनक है। भारतीय दंण्ड संहिता के हिसाब से तो यह धारा 420 का मामला बनता है। आखिर किसके दम पर एक व्यक्ति इतना सब कुछ करने के बाद भी किसी कार्यवाही से बच जाता है। फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद तहसीलदार को स्वत: फर्जी बैनामा और पंजीयन के आधार पर नामांतरण कराने वाले के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराना कई सवाल खड़े कर रहा है।

एक अन्य फर्जीवाड़ा में डाक्टर के खिलाफ दर्ज है एफआईआर

कुछ महीने पहले ही पंडरी पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने वाले सरकारी डाक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। आरोपी ने मोवा स्थित अपनी एक अन्य जमीन को एक 66 वर्षीय वृद्व महिला से सौदा कर 50 लाख रूपये अग्रिम राशि लिया और उसी जमीन को फिर दूसरों को जमीन के आधे से कम दाम में पंजीयन करवा दिया। मामले में आपत्ति के बाद भी तहसीलदार ने उक्त जमीन का नामांतरण भी कर दिया। इस मामले में थाने में एफआईआर दर्ज है। हालाकि पुलिस अभी तक आरोपी डाक्टर रोहिणी कुमार पटेल को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। कोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत भी खारिज हो चुकी है।

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