जगदलपुर। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मंगनार एवं करपावण्ड स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित होने वाले विकार, लक्षण कारणों के बारे में 25 से अधिक एएनएम को विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लोगों की पहचान कर उन्हें समय रहते जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लीनिक से जोड़ना है। इस सम्बन्ध में नोडल अधिकारी डॉ.ऋषभ साव ने बताया, "डीएमचपी बस्तर की टीम के द्वारा पीएचसी मंगनार और करपावण्ड में सभी एएनएम को मानसिक रोगों की पहचान जैसे- चिंता, विकार, अवसाद, शिजोफ्रेनिया, मिर्गी और सब्सटेंस एब्यूज तथा बच्चों में होने वाले असमान्य व्यवहार, विकृति, मेंटल रिटारडेड, एवं इंटरनेट एडिक्शन आदि, मानसिक रोगों के बारे में बताया गया जिससे वे मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर (स्क्रीनिंग कर) जिला अस्पताल के स्पर्श क्लिनिक में रेफर कर सकें। इस प्रशिक्षण को मूल उद्देश मानसिक रोगियों को सरकार द्वारा प्रदान की जा रही निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना और उन्हे सामान्य जीवन यापन करने की ओर प्रेरित करना है।"
प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित एएनएम को क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट मोनिका ने बताया: "मानसिक रोगियों की स्क्रीनिंग करने से पहले मानसिक रोग के बारे में जानना जरूरी है। जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है। मानसिक रोगी की पहचान करना थोड़ा कठिन है क्योंकि, हर व्यक्ति में मानसिक बीमारी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कौन-सी मानसिक बीमारी है।"
उन्होंने आगे बताया: " मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है। अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, तो वह ठीक हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मानसिक रोगी की पहचान समय रहते की जाए। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में डॉ.रुख़सार खान और कम्यूनिटी साइकोलॉजिस्ट रूपेश मसीह का विशेष सहयोग रहा।"
मानसिक रोगी की पहचान के प्रमुख लक्षण
मानसिक रोगी की पहचान के लिए मानसिक रोग के लक्षण, उसके प्रकार, परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
● उदास महसूस करना
● बेचैन होना या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
● अत्यधिक भय या चिंता या अपराध की भावनाएं महसूस करना
● मनोदशा में अत्यधिक बदलाव
● दोस्तों और अन्य गतिविधियों से अलग होना
● थकान, ऊर्जा में कमी या नींद की समस्याएं (नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना)
● वास्तविकता से अलग हटना (भ्रम)
● दैनिक समस्याओं या तनाव से निपटने में असमर्थता
● शराब या नशीली दवाओं का सेवन
● खाने की आदतों में बड़ा बदलाव
● अत्यधिक क्रोध या हिंसक व्यवहार
● आत्महत्या का विचार करना ।