छत्तीसगढ़

और पहुंचते है देवदूत बनकर, आदिवासियों का इलाज करने चलना पड़ता है 10 किलोमीटर पैदल

Nilmani Pal
25 May 2022 4:06 AM GMT
और पहुंचते है देवदूत बनकर, आदिवासियों का इलाज करने चलना पड़ता है 10 किलोमीटर पैदल
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बलरामपुर। जिले के कुसमी ब्लाॅक के नक्सल प्रभावित सबाग ग्राम पंचायत में झलवासा पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं की ऐसी बस्ती है जहां जाने के लिए 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, लेकिन यहां स्वास्थ सुविधाएं पहुंचाने के लिए कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य अमला ढाई घंटे पैदल चलकर पहुंच ही गया।

गांव में लोगों का इलाज कर फिर दूसरे रास्ते से वे दो घंटे पैदल चलकर वापस लौटे। सबाग की स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता हलमी तिर्की और सुचिता सिंह का उत्साह और मेहनत देख कलेक्टर ने उनकी तारीफ की है और कहा कि सभी को इनसे सीख लेकर काम करने की जरूरत है।

बलरामपुर जिले में कलेक्टर कुंदन कुमार ने राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के तहत 220 ऐसे बसाहटों को चिन्हित किया गया है, जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा व पंडो जनजाति के लोग रहते हैं। इन बसाहटों में बारिश से पहले लोगों की स्वास्थ टीम द्वारा जांच व उपचार कराया जा रहा है, उन्हें जरूरी दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।


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