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दुर्ग। दुर्ग जिले के भिलाई में एक युवक ने नशे में कार चलाते हुए कुछ बारातियों को टक्कर मार दी। इसके बाद मोहल्लेवालों और बारातियों में मिलकर कार चालक व उसके दोस्त को बुरी तरह मारा। इतना ही नहीं उन्होंने कार में भी बुरी तरह तोड़फोड़ की है। सुपेला पुलिस ने 10 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। सुपेला पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 26 जनवरी को देवांगन परिवार की शादी थी। उनके यहां आई बारात रात में नूरी मस्जिद की तरफ जा रही थी। इसी दौरान रामनगर सुपेला निवासी दीपक सिंह (35) अपने दोस्त संदीप कुमार जागीर के साथ नूरी मस्जिद की तरफ जा रहा था। गाड़ी सीजी 04 एलजी 7660 को संदीप चला रहा था। पुलिस के मुताबिक संदीप काफी नशे में था और तेज रफ्तार में कार को चला रहा था। नूरी मस्जिद के पास अचानक भीड़ देखखर वह अपना संतुलन खो बैठा और कार सड़क किनारे रखी दुकानों की टेबल से टकरा गई। इसके बाद कार ने दो तीन बरातियों को टक्कर मार दी। इससे कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद वहां के लोग और बाराती भड़क गए। उन्होंने कार में जमकर तोड़ फोड़ की साथ ही साथ कार चालक को भी बुरी तरह मारा।
भीड़ ने कार चालक संदीप कुमार को इतना मारा को उसका मुंह फट गया। हाथ पैर और शरीर में भी काफी चोटें आई। सूचना मिलने पर सुपेला पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायल को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचाया। वहां उसका इलाज किया गया। सुपेला पुलिस का कहना है कि कार चालक को मारकर और कार में तोड़ फोड़ करके लोगों ने कानून को अपने हाथ में लिया है। अगर कार चालक ने एक्सीडेंट किया था तो उन्हें इसकी शिकायत पुलिस में करनी चाहिए। थी। सुपेला पुलिस ने दीपक सिंह की शिकायत पर 10 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, तोड़फोड़ और गाली गलौज करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है। इस दुर्घटना के लिए पुलिस प्रशासन और निगम प्रबंधन को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। नूरी मस्जिद रोड में लोगों ने अतिक्रमण करके दुकानें लगाई हुई हैं। इससे सड़क काफी संकरी हो गई है। लोगों को जाने के लिए रास्ता नहीं बचता है। तत्कालीन निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने यहां कार्रवाई करके लोगों को हटाया था। इसके बाद जैसे ही आयुक्त बदले फिर से लोगों ने यहां अतिक्रमण करके दुकान लगाना शुरू कर दिया। जो जगह बचती है उसमें ठेले वाले खड़े हो जाते हैं। इस पर न तो निगम ध्यान दे रहा है और न ही पुलिस प्रशासन। इसीलिए लोगों का कहना है कि इस दुर्घटना के लिए निगम और पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है।
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