समुद्र मंथन से प्रेरित है अमृत काल - पार्वती राधेश्याम साहू
रायपुर। मृत पाने की इच्छा में देवता और असुरों ने बड़े जोश और वेग से समुद्र मंथन करने लगे, इस दौरान सबसे पहले विश निकलता है, यह देखकर सभी देवता और असुर हताशा और घबराहट में आ गए , भगवान शिव जी के विश के निगलने के बाद, देवताओं के गुरु बृहस्पति जी ने कहा कि अब सारी कठिनाई चली गई है, अब आप आखरी बार मेहनत करे ,अपना पूरा बल लगा दीजिए, आगे परिणाम स्वरूप आपको अमृत मिलेगा, अब सारी परिस्थितियां आपके पक्ष में है ।वैसा ही हुआ दोनों पक्षों को परिणाम स्वरूप परिणाम स्वरूप 14 रत्न मिले, और अंत में अमृत का कलश समुद्र से बाहर आया। उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किला से अमृत काल आगाज कीए थे, और भारत को विकासशील से विकसित देश बनाने का सपना इस अमृत काल (यानी 1923 से 1947 तक) में देश को दिखाया। बीते कई सालो में हमने 1947 के भारत के कई कटिनाइयो पार कर से अपने आप को सक्षम बना लिया है हमारी इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी रोड, रेलवे, बंदरगाह, बिजलीकरण प्रचुर मात्रा में विकसित हो चुकी है । हमारे युवा शिक्षित और गुणवंता पूर्ण है । देश के शिक्षा और स्वस्थ सेवा में काफी सुधार की जा चुकी है । शासन और कानून व्यवस्था उत्कृष्ट हो चुकी है नियम और विनिमय पहले से सरल और सहज बनाए गए है इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स तर्किक किए जा चुके हैं देश में बैंकिंग व्यवस्था में बेहतर किए जा चुके है । भारत को हमारी सरकार आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में हर कदम ले रही है सारी चीजे हमारे पक्ष में है बस हमको अगले 25 साल मेहनत करना है और मोदी जी द्वारा दिखाए गए अमृतकाल का सपना जोकि 2047 तक विकसित देश बनना, यही भरत को 30 ट्रिलियन डॉलर GDP की अर्थव्यवस्था बनाना है जो अभी 3 ट्रिलियन डॉलर है ।
हमारे सरकार द्वारा लाए गए इस अमृत काल के पहले बजट में अमृत काल के परिकल्पना को पाने की प्रयास में "सप्तऋषि " सात दिशा पर जोर दे रही है जो है समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश क्षमता विस्तार, हरित विकास युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र । एक अप्रैल 2023 से शुरू होने जा रही अमृत काल के युग में सबका साथ सबका विकास ,सबका विश्वास सबका प्रयास, से ही हम भारत को नई ऊंचाईयों तक ले जा सकते हैं मेरे देश वासियों से निवेदन है देश के विकाश में मोदी जी का साथ देवे और भारत वर्ष को एक नए उंचाई तक पहुंचाए.