छग में हुक्का बार पर रोक लगाने कोटपा एक्ट में होगा संशोधन
- अब हुक्का बार चलाने और पीने वालों पर भी कार्रवाई: चलाने पर सजा और पचास हज़ार जुर्माना, सरकार लाएगी नया कानून
- जनता से रिश्ता - लगातार विगत कई सालों से नशे और हुक्का बार को लेकर रिपोर्ट के माध्यम से मुहिम चलाते आ रहा है। सरकार के फैसलों पर दिखा मुहिम का असर
रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ सरकार हुक्का बारों को अब बैन करने जा रही है। हुक्का बार को लेकर अब एक नया क़ानून लाया जाएगा, जिसके तहत हुक्का बार चलाना ग़ैर क़ानूनी होगा। नए क़ानून के दायरे में हुक्का बार में पीने वाले भी आएंगे। हुक्का बार को लेकर अब तक कोई कड़ा क़ानून ना होने से और सीधे प्रतिबंध की विधिक औपचारिकता ना होने से पुलिस और प्रशासन के लिए मुश्किलें आ रही थीं। अब तक कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही होती थी लेकिन वह इतना लचीला था कि, प्रभावी अंकुश नहीं लग रहा था। अब राज्य सरकार ने कोटपा एक्ट में संशोधन किया है। इस संशोधन में अब हुक्का बार चलाने पर अधिकतम तीन साल की सजा है और पचास हज़ार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए क़ानून की जद में केवल हुक्का बार चलाने वाले ही नहीं बल्कि वहाँ बैठ कर पीने वाले भी आएंगे। प्रावधान किया गया है कि, हुक्का बार में बैठकर पीने वाले को अधिकतम पाँच हज़ार का जुर्माना देना होगा। इस संशोधित एक्ट से अब कोटपा संज्ञेय अपराध में तब्दील हो गया है। अब इस मामले में पुलिस स्नढ्ढक्र कर सकेगी। जबकि पहले कोटपा में इस्तग़ासा ( एक प्रकार का नोटिस ) जारी होता था, जिसमें दो सौ रुपए से पाँच सौ रुपए तक का जुर्माना होता था। राज्य सरकार ने संशोधन एक्ट को कैबिनेट में स्वीकृत कर दिया है। आगामी विधानसभा सत्र के अंतिम दो कार्यदिवस में इसे पेश कर क़ानून का रुप सरकार दे देगी।
राजधानी में बिना अनुमति चल रहे आठ कैफे सील
नगर निगम ने सोमवार को वीआईपी रोड के फुंडहर इलाके में बड़ा अभियान चलाकर अवैध रूप से चल रहे कैफे और दुकानों को सील कर दिया। निगम के जोन-9 को काफी दिनों से इसकी शिकायत मिल रही थी। जांच के लिए पहुंचे निगम अमले को शिकायत सही मिली। तत्काल कार्रवाई की गई। इस दौरान एक होटल में गंदगी मिलने पर उनसे पांच हजार का जुर्माना भी वसूला गया। वीआईपी रोड में फुंडहर के पास आए दिन लोगों की पार्टियों की शिकायतें निगम को मिल रही थी। यहां पर कैफे के नाम पर कारोबार किया जा रहा था। शिकायत पर जोन कमिश्नर संतोष पांडे ने टीम को जांच के लिए भेजा। जोन के ईई हरेंद्र साहू के साथ इंजीनियरों की टीम ने सोमवार को पूरे इलाके की जांच की। इस दौरान सभी कैफे संचालकों से संचालन की अनुमति संबंधी दस्तावेजों की मांग की। कैफे संचालन से संबंधित किसी के पास वैध दस्तावेज नहीं मिले। इसलिए निगम ने सभी आठ कैफे को सील कर दिया। इस दौरान तेलीबांधा थाने की पुलिस भी मौजूद रही। जिन आठ कैफे को सील किया गया उनमें एलएसडी कैफे, मोगली कैफे, मनोज कैफे, वे प्लस कैफे, द चाईज, मिनिस्ट्री कैफे, रमेश पेन पैलेस है। इस दौरान वीआईपी रोड स्थित होटल ग्रैंड एंपीरिया में गंदगी मिलने से होटल संचालक पर 5000 का जुर्माना भी लगाया।