छत्तीसगढ़

हादसों का कब्रगाह बना अंबुजा अडानी संयत्र रवान

Nilmani Pal
11 May 2024 10:23 AM GMT
हादसों का कब्रगाह बना अंबुजा अडानी संयत्र रवान
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अर्जुनी/ रवान। स्थापित सीमेंट संयत्र अपनी कारगुजारियों से बाज नही आ रहा है जिसका मुख्य श्रेय जिले में पदस्थ श्रम विभाग के कर्मठ मालिकपरस्त अधिकारियों को जाता है , दर्जनों श्रमिकों के जान गवांए जाने के बाद भी के अधिकारी कार्यवाई के नाम पर धूल फांकते नजर आ रहे है।

अंबुजा अडानी संयत्र समूह का स्थानीय अंबुजा सीमेंट संयंत्र रवान अपने कामगारों के लिए कब्रगाह साबित हो रही है आए दिन सीमेंट संयंत्र में मजदूर मौत के गाल में समा रहे हैं लगातार 4 महीनों से संयंत्र मजदूरों को अपने चपेट में ले रहा है संयंत्र में 4 महीनों से हो रहे घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बता दे कि कल दिनांक 9 मई को मनोहर वर्मा पिता ओमकार वर्मा 21 वर्ष ग्राम मल्दी को लाइन वन के राव मिल के 116 नम्बर मटेरियल बेल्ट में सफाई का काम कर रहे मजदूर को अपने चपेट में ले लिया है। मजदूर मनोहर वर्मा बेल्ट से गिरे हुए कच्चे माल को उठाकर पुनः बेल्ट में डाल रहा था। बेल्ट चालू होने के कारण मनोहर वर्मा का बेलचा बेल्ट में लगे हुए रोलर में फंस गया था जिससे मजदूर मनोहर वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया है। घटना में मजदूर मनोहर वर्मा का हाथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

पहले की अपेक्षा अपनी करतूत दोहराते हुए संयंत्र द्वारा आनन फानन में राजधानी स्थित नारायण हॉस्पिटल में मजदूर को भर्ती कराया गया है। मजदूरों द्वारा बताया जा रहा है कि मजदूर मनोहर वर्मा संयंत्र के अंदर विजय शर्मा एसोसिएट के अंतर्गत काम करता था । घटना समय लगभग 10.30 बजे के आसपास का है। प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों ने बताया कि संयंत्र का प्रोडक्शन ना रुके करके संयंत्र के अधिकारियों द्वारा बिना बेल्ट बंद किए ही मजदूरों से दबाव पूर्ण काम कराया जा रहा है जिससे संयंत्र आए दिन मजदूरों को अपने चपेट में ले रहा है।

इतना ही नही संयंत्र में अधिकारियों व ठेकेदारों द्वारा मजदूरों के ऊपर काफी दबाव बनाया जाता है जिससे मजदूर मजबूरी वस काम करते हुए दुर्घटना का शिकार हो रहे है। संयंत्र अपने प्रोडक्शन को बढ़ाने के चक्कर में ठेकेदारों के ऊपर दबाव बनाती है वहीं ठेकेदार संयंत्र के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए मजदूरों के ऊपर दबाव बनाती है जिसके चलते मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है बताया जाता है कि संयंत्र में लगातार यह पांचवीं घटना है । संयंत्र में पहली घटना दिनांक 25 /1/ 2024 को रेलवे साइडिंग में काम करते हुए सोहन साहू को अपने चपेट में ले लेता है जिससे मौके पर ही मजदूर की मृत्यु हो जाती है वहीं दूसरी घटना दिनांक 28 /2/ 2024 को अंबुजा कैंटीन के पेंटिंग के दौरान मजदूर राजकुमार को अपने चपेट में ले लेता है जिससे मजदूर राजकुमार का पैर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाता है जिसे उपचार के लिए राजधानी स्थित नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था । तीसरी घटना दिनांक 13.4.2024 को निर्माणाधीन लाइन 3 में काम कर रहे मजदूर संतराम को अपने चपेट में ले लिया था जिससे मजदूर को गंभीर चोटे भी आई थी । घटना चौथी घटना दिनांक 26.4.2024 को माइंस में लगे डंपर के सस्पेंशन को चार्ज करते हुए नाइट्रोजन सिलेंडर के फटने से 6 मजदूर को अपने चपेट में ले लिया था जिसमें ग्राम रवान के नरेश स्वाइन, राकेश वर्मा, सतीश पेटफोरे , धर्मेंद्र ठाकुर तिल्दा, मोहम्मद शाहिद शेख नागपुर, शंकर गारे कर्नाटक,को अपने चपेट में ले लिया था सिलेंडर फटने से भयानक विस्फोट के कारण 6 मजदूर आग में झुलस गए थे जिसे आनन-फानन में संयंत्र के अधिकारियों द्वारा नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था बताया जाता है कि शंकर गोरे के काफी ज्यादा आग में झुलसने के कारण मुंबई स्थित बर्न हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है की घटना पांचवीं घटना दिनांक 9 5.2024 का है संयंत्र में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लापरवाही के कारण मजदूरों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है । पता है कि बताया जाता है कि संयंत्र के लाइन वन साइड काफी ओवरलोडिंग साइड है जहां मजदूरों को कम करना खतरे से खाली नहीं है इसके बावजूद संयंत्र के अधिकारी इन खतरनाक जगह पर मजदूरों से काम कर रहे हैं। जिससे आए दिन संयंत्र में दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं इसके अलावा कुछ माह प्लांट के पैकिंग प्लांट के सेलो टावर भर भर कर गिर गया था संयंत्र में मजदूरों की टी टाइम की छुट्टी होने के कारण किसी प्रकार की हताहत या जान माल की क्षति नहीं हुई थी।

०संयंत्र के मजदूरों ने आरोप लगाया है कि संयंत्र के अधिकारी सारे सुरक्षा नियमों को ताक में रखकर मजदूरों से दबाव पूर्ण काम करते हैं । जिसके फल स्वरुप मजदूरों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है। संयंत्र में 4 महीना में लगातार यह पांचवीं घटना है संयंत्र के इंटक यूनियन द्वारा इन सभी मामलों पर स्थानीय श्रम आयुक्त बलौदा बाजार व श्रम आयुक्त रायपुर को शिकायत कर संयंत्र में हो रहे दुर्घटनाओं के बारे में अवगत कराते हुए जांच की मांग की गई है।

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