एम्स के डॉक्टरों ने 7 महीने के बच्चे को दी नई जिंदगी, 5 महीने तक चला इलाज
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने सात महीने के एक ऐसे बच्चे को नई जिंदगी दी, जिसके दिल में छेद था। बच्चे के दिल में पेसमेकर लगाया गया। बच्चा लगभग पांच महीने एम्स के वेंटिलेटर और तीन महीने आइसीयू में रहा। पूरी तरह ठीक होने के बाद अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। बच्चे को नई जिंदगी मिलने के बाद अभिभावक अभिभूत हैं और उन्होंने एम्स के चिकित्सकों को धन्यवाद दिया है।
वर्ष 2021 में दरभंगा, बिहार के रहने वाले हथकरघा कारीगर के जुड़वां बच्चे पैदा हुए थे। इसमें एक बच्चे को वेंटीकुलर सेप्टल डिफेक्ट (हृदय में छिद्र) की बीमारी थी। बच्चे को कई निजी अस्पतालों में दिखाने के बाद अभिभावक एम्स पहुंचे। ढाई किलोग्राम के बच्चे को पहले निमोनिया पाया गया। बाद की जांच में हृदय में छिद्र मिला। इसकी वजह से बच्चे को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।