आहलूवालिया ने हरविंदर विज की ज़मीन हड़पने आसिफ मेमन को बनाया मोहरा
हरविंदर ने आहलूवालिया को किस शर्त पर ज़मीन दी और खाली कराया इससे भी मेरा कोई वास्ता नहीं है।
हरविंदर विज ने खुद एएसपी, टीआई को आसिफ के पक्ष में और आहलूवालिया के खिलाफ झूठा एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। सरस्वती नगर थाने में जमीन मामले में कुलदीप सिंह आहलूवालिया द्वारा आसिफ मेमन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया वह झूठा और फर्जी है। क्योंकि इस मामले में आसिफमेमन का कोई लेना देना नहीं है। कुलदीप आहलूवालिया ने जानबूझकर आसिफ मेमन और हरविंदर सिंह विज को मानसिक प्रताडऩा देने की नीयत से थाने में झूठी शिकायत की है। इस संबंध में जनता से रिश्ता कार्यालय पहुंच कर पीडि़त आसिफ मेमन ने बताया कि कुलदीप सिंह आहलूवालिया और हरविंदर मामले में मेरा कोई बी हस्तक्षेप नहीं है। हरविंदर सिंह ने किन शर्तों पर कुलदीप सिंह आहलूवालिया को गैरेज का हिस्सा दिया ये उन दोनों का आपसी मामला है। मैं तो उन दोनों के सीधे संपर्क के बीच में ही नहीं था। हां मेरा वहां पर मेरा कंस्ट्रक्ेशन का काम चल रहा है जो मेरा निजी और व्यक्तिगत निजी संपत्ति है जिस पर काम चल रहा है।
आहलूवालिया को जमीन मौखिक रूप से दिया
इस संबंध में गोडाउन और जमीन मालिक हरविंदर सिंह विज ने थाने में लिखित दस्तावेज प्रस्तुत कर बताया कि दोनों एक ही प्रोफेशन और समुदाय के होने के कारण आहलूवालिया की दयनीय स्थिति और हालात को देखते हुए कुछ दिनों के लिए काम चलाने के लिए गोडाुन का हिस्सा हरविंदर सिंह विज से मांगा था जिसे मित्रतावश हरविंदर सिंह ने बिना किराया लिका पढ़ा के इस शर्त पर दिया कि जब उसे जरूरत होगी खाली कर देना। जिसे कुलदीप सिंह आहलूवालिया ने स्वीकार किया और काम करने लगा।
मामले में आया नया मोड
जमीन खाली कराने और तोडफ़ोड़ की झूठी खबर देकर कुलदीप आहलूवालिया हरविंदर की जमीन हड़पने की नीयत से आसिफ मेमन के खिलाफ शिकायत कर हरविंदर को ब्लेकमेल किया और जमीन बेचने के लिए दबाव बनाया. जब हरविंदर नहीं माना तो खुद ने बुलडोर चलवा दिया और आसिफ मेमन के खिलाफ सोची समझी कूटरचना कर शिकायत दर्ज कराया।
राजनीतिक दुश्मन की करतूत
आसिफ मेमन ने बताया कि मेरे राजनीतिक दुश्मनों ने मेरे हम नाम होने का गलत तरीके से फायदा उठाकर मेरे नाम का दुरुपयोग कही भी कभी करके मेरा राजनीतिक करियर खराब करना बट्टा लगाना चाहते है। मैंने इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है। मैं पार्टी का निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में सेवा दे रहा हूं। मैंने कभी अपने नाम का राजनीतिक लाभ नहीं लिया। जबकि छुटभैया नेता हमेशा मेरा नाम विवादित मामले में घसिट कर मुझे बदनाम करने की कोशिश करते है।
छुटभैया नेताओं द्वारा आसिफ मेमन के हम नाम होने का आपस में अपने दुश्मनी निकालने के लिए राजनीतिक आड़ लेकर एक दूसरे नेता का नाम को बदनाम करने की हमेशा कोशिश करने में लगे रहते है।
नाम का गलत तरीके के उपयोग कर छुटभैया नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते है।
नेताओं की भीड़ में और प्रतिस्पर्धा दौर में सत्ता की चाह रखने वाले छुटभैय्ये नेता पार्टी और नेताओं को नाम बदनाम करने में भी पीछे नहीं हटते।
फर्जी मीडिया और सोशल मीडिया का दुरुपयोग छुटभैय्या नेताओं द्वारा अपने व्यगक्तिगत फाएदे व हित के लिए किया जाता है।
छुटभैय्ये नेता द्वारा 30 हजार रुपया खर्च कर न्यूज पोर्टल बनाकर एक- दूसरे को बदनाम करने का नया तरीका इजाद किया
हरविंदर सिंह ने आसिफ के खिलाफ झूठी रिपोर्ट वापस लेने का आवेदन दिया
गोडाउन और जमीन मालिक हरविंदर सिंह विज ने कुलदीप आहलूवालिया की शिकायत को गलत बताया है और एफआईआर रद्द करने की मांग की है। रायपुर एएसपी और सरस्वती नगर थाना प्रभारी को भी इस संबंध में आवेदन भी दिया है। आसिफ मेमन ने जनता से रिश्ता के दफ्तर आकर जमीन के दस्तावेज दिखाए और कुलदीप सिंह आहलूवालिया और हरविंदर सिंह विज के बीच हुई जमीनी विवादों का भी खुलासा किया। आसिफ मेमन ने बताया कि हरविंदर विज की ज़मीन और उसकी ज़मीन आपस में लगी हुई थी तो आहलूवलिया को ये लगा कि हरविंदर आसिफ को ज़मीन बेच रहा है। और सरस्वती नगर थाने में झूठी शिकायत दर्ज कराई।