छत्तीसगढ़

कृषि उत्पादन आयुक्त ने की बस्तर संभाग में विभागीय कार्य-प्रगति की समीक्षा

Shantanu Roy
28 May 2024 6:20 PM GMT
कृषि उत्पादन आयुक्त ने की बस्तर संभाग में विभागीय कार्य-प्रगति की समीक्षा
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छग
कांकेर। कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने आज बस्तर संभाग के सभी सात जिलों के कलेक्टरों व विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन और पशु चिकित्सा विभाग के विभागीय कार्यों और गतिविधियों की जिलावार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने योजनावार कार्य-प्रगति की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए, जिससे बस्तर संभाग के किसानों को अधिकाधिक लाभ मिले और आधुनिक कृषि पद्धति को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सके। जिला पंचायत के सभाकक्ष में मंगलवार सुबह 10 बजे से आयोजित बैठक में संचालक उद्यान ने बस्तर संभाग के जिलों में संचालित कार्यक्रमों व गतिविधियों की जानकारी देते हुए रबी वर्ष 2023-24 अंतर्गत किसानों को उद्यानिकी फसल के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर जिलावार किसान क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति की संख्यात्मक आंकड़े के बारे में बताया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कुछ जिलों में उद्यानिकी फसल के लिए कम स्वीकृति पर संबंधित जिले के अधिकारियों ने बताया कि केसीसी के कई आवेदन निरस्त होने के कारण ऋण स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। उन्होंने केसीसी के लंबित आवेदनों के रिजेक्ट होने के कारणों का निराकरण कर केसीसी स्वीकृति कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसी तरह बस्तर संभाग के जिलों में प्लग एवं मिनी प्लग टाइप वेजिटेशन सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना पर जोर देते हुए नेशनल मिशन ऑफ एडिबल ऑयल का विस्तार, ग्राफ्टेड वेजिटेबल, फूलों की खेती के रकबे में इजाफा करने, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, सस्टेनेबल प्रोडक्शन व बस्तर संभाग की जलवायु के अनुकूल उद्यानिकी खेती की संभावनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा बैठक में हुई। इसके अलावा जलग्रहण क्षेत्र विकास घटक, मत्स्य सम्पदा आदि विषयों पर जिलावार प्रगति की जानकारी ली गई।

मछलीपालन के क्षेत्र में कांकेर जिले में वृहत् उत्पादन के संबंध में बताया गया कि जिले के पखांजूर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मछली का उत्पादन होता है जिसका निर्यात अन्य प्रदेशों में किया जाता है। मछलीपालन के क्षेत्र में कांकेर जिला काफी समृद्ध व आत्मनिर्भर है। इसी तरह कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में रबी सीजन वर्ष 2023-24 की फसलों का क्षेत्राच्छादन की स्थिति, खरीफ वर्ष 2024 में क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य, उर्वरक एवं बीज भण्डारण और वितरण, किसानों की मांग आधारित मौजूदा स्टॉक सहित विभिन्न विषयों पर उत्पादन आयुक्त ने जिलावार जानकारी ली। उन्होंने आगामी बारिश के पूर्व लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत बीज वितरण और उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और व्यक्तिगत रूचि लेते हुए सभी कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिले के कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि बीज की आपूर्ति तो हो रही है, किन्तु मांग के अनुरूप विभिन्न वेरायटी प्राप्त नहीं हो पा रही है। उन्हांने बताया कि सहकारी समितियों में आईआर-64 और 1010 की मांग अधिक है, किन्तु वर्तमान में मांग की अपेक्षा आपूर्ति कम है। इस पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने मांग के अनुसार बीज का भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसी तरह उर्वरक की समीक्षा के दौरान बताया गया कि डीएपी खाद की आपूर्ति मांग से अपेक्षाकृत काफी कम है, जिससे इसकी किल्लत होने की संभावना है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बारिश के पूर्व डीएपी खाद की उपलब्धता उचित अनुपात में सुनिश्चित करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही प्राप्त खाद का भंडारण सभी समितियों ने समान मात्रा व अनुपात में भंडारण करने का निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर संचालक कृषि डॉ. सारांश मित्तर, आयुक्त बस्तर संभाग श्याम धावड़े, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक उद्यानिकी एस. जगदीशन, संचालक मत्स्य एन.एस. नाग सहित कलेक्टर बस्तर विजय दयाराम के., कोंडागांव कुणाल दुदावत, दंतेवाड़ा मयंक चतुर्वेदी, बीजापुर अनुराग पाण्डेय, सुकमा हरीश एस. तथा नारायणपुर कलेक्टर बिपिन मांझी सहित संभाग स्तर के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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