नारायणपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय एवं अनुसधान केन्द्र, नारायणपुर और राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के द्वारा विश्व दुग्ध दिवस मनाया। इस अवसर पर अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डा. रत्ना नशीने ने बताया की पूरे विश्व में विश्व दुग्ध दिवस 1 जून को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को दूध के बारे में जागरूक करना है। यह दिन डेयरी क्षेत्र के महत्व को भी समझाता है। वैसे भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दूध दिवस मनाया जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा पोषक खाद्य पदार्थ में से एक है दूध। एक जून 2001 को सबसे पहले विश्व दूध दिवस की शुरूआत की गई थी, इसकी शुरूआत यूनाइटेड नेशन ने की थी। इस साल विश्व दुग्ध दिवस 2022 की थीम में जलवायु परिवर्तन की समस्या की तरफ सभी का ध्यान आकर्षित करना है और डेयरी क्षेत्र में इसके प्रभाव को कैसे कम करा जाए। इसका एक और उद्देश्य आने वाले 30 वर्षाे में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करना भी है। इसका मुख्य लक्ष्य डेयरी नेट जीरोश् को पूरा करना भी है।
डा. रत्ना नशीने ने दूध के पौष्टिक तत्वों की जानकारी देते हुए बताया की दूध कैल्शियम और विटामिन डी प्रदान करता है। दूध पोटैशियम ,मैग्नीशियम, फोलेट का अच्छा स्रोत है। दूध हड्डियों के फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। दूध पीने से हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। पिछले तीन दशकों में दुनिया में दूध के उत्पादन में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। श्री किशोर मण्डल ने कहा की हाई प्रोटीन मुख्य रूप से दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों से प्राप्त किया जाता है। स्वयं सेवको को डेरी फार्मिंग की भी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम का संचालन योगिता तथा शिक्षिक सुनील सोनवानी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम मे महाविद्यालय के शिक्षकगण श्री विक्रम चंद्रवंशी, निधि शर्मा, अनिमेश चंद्रवंशी, हिमालय साहू, सुनील सोनवानी, डॉ. अनिल दिव्या उपस्थित रहे और 54 स्वयं सेवाकों ने भाग लिया।