दाम्पत्य जीवन एक साथ जीने सहमत हुए पति और पत्नी, नेशनल लोक अदालत ने सुलझाया
महासमुंद। आज जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक-02, के समक्ष भरण-पोषण मामला जो कि महासमुंद कुटुम्ब न्यायालय में लंबित था। जिसमें पीठासीन अधिकारी प्रफुल्ल कुमार सोनवानी द्वारा समझाईश दिया गया जिससे प्रेरित होकर दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होेते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हो गया। उक्त प्रकरण परिवार न्यायालय महासमुंद के पंजीकृत विविध दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 42/2024 में थाना तुमगंाव ग्राम बेलटुकरी निवासी शांति बाई (परिवर्तित नाम) विरूद्व ग्राम खैरझिटी के शोभाराम पर दर्ज प्रकरण है। धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत भरण-पोषण की राशि दिलाए जाने के संबंध में प्रकरण प्रस्तुत किया था। शांति बाई और शोभा का विवाह वर्ष 2021 में रीति रिवाज के साथ हुआ था।
जिसके बाद पति पत्नी में अनबन होने पर शाति बाई फरवरी 2024 में अपने पति से पृथक होकर अपने मायके में रहने लगी थी। जिसका प्रकरण परिवार न्यायालय में दर्ज था। जिसे आज 14 दिसंबर 2024 को आयोजित नेशनल लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से समझाईश एवं आपसी सुलह के माध्यम से निराकरण किया गया। इसी तरह एक और दर्ज प्रकरण क्रमांक 216/2023 में महासमुंद के नया मछली बाजार दलदली रोड निवासी आवेदिका रेवती बाई (परिवर्तित नाम) का विवाह वर्ष 2019 में तुमगंाव निवासी सुरेष बंजारे के साथ हुआ था। दोनों में अनबनता के कारण वह अपने पति से दिसंबर 2023 से अलग रह रही थी।
जिसका प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी द्वारा समझाईश दिया गया जिससे अब दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होेते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हुए।