दुर्ग। दुर्ग के बोरीगारका गांव की हिषा बघेल का चयन महिला अग्निवीर के रूप में किया गया है और इसी के तहत हिषा अब छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बन चुकी है, गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिषा फिलहाल ओडिसा के चिल्का में इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट का प्रशिक्षण मार्च तक प्राप्त करेगी। इसके बाद हिषा महिला अग्निविर बनकर देश की सुरक्षा करेगी।
प्रदेश के गृहमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव बोरीगारका की हिषा बघेल अब एक मिशाल के रूप में पहचान बन चुकी है। गांव के इस स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद हिषा उतई महाविद्यालय में पहुंचकर सबसे पहले एनसीसी कैडेट बनी इसके बाद हिषा देश की सुरक्षा का प्रण लेकर सेना में जाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी। हिषा की मां सती बघेल ने बताया कि उनकी छोटी बेटी हिषा गांव के ही मैदान में लड़की होने के बावजूद गांव के युवाओं के साथ अकेले दौड़ने का अभ्यास शुरू किया और इसके बाद जैसे ही सितंबर 2022 को नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के आवेदन की तो उसके फिटनेस के देखते हुए अधिकारियों ने हिषा का चयन मंजूर कर लिया।
हिषा की मां यह भी बताती है कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी हिषा के पिता संतोष बघेल अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, हिषा के पिता पिछले 12 सालों से कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन और अपनी जीवन यापन करने वाले ऑटो को भी बेच दिया है। ताकि अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे सके और अब हिषा अग्निवीर बन चुकी है तब बीमार पिता सहित परिवार के लोगो में खुशी की लहर है।