छत्तीसगढ़

LIC बीमा के एजेंट ने किया फर्जीवाड़ा, जांच में जुटी पुलिस

Shantanu Roy
11 March 2022 6:30 PM GMT
LIC बीमा के एजेंट ने किया फर्जीवाड़ा, जांच में जुटी पुलिस
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छत्तीसगढ़

महासमुंद। भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा महासमुंद के जीवन बीमा मुख्य सलाहकार राकेश झाबक के निर्देशन में कार्यरत बीमा एजेंट उमेश कुमार निर्मलकर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है।उमेश ने बीमित व्यक्ति के बिना सहमति, उपस्थिति व बिना हस्ताक्षर के उसका फर्जी मेडिकल बनवाया और पालिसी भी शुरू करा दी। जबकि बीमित व्यक्ति का पुत्र अभिषेक उन्हें पुराने पालिसी के प्रीमियम का भुगतान करता रहा, इस भरोसे को तोड़कर नया बीमा फर्जी तौर पर किया, फिलहाल नया व पुराना बीमा लैप्स है। पीड़ित के पुत्र की शिकायत पर फिलहाल एलआइसी व पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया है।

शिकायतकर्ता अभिषेक डेनियल ने बताया कि एलआइसी पालिसीधारक आशेन्द्र कुमार डेनियल उनके पिता हैं, जिनके नाम पर 11 जुलाई 2016 को बीमा बीमाधन डेढ़ लाख रुपये का उमेश कुमार निर्मलकर व उसके मुख्य बीमा सलाहकार राकेश झाबक द्वारा बीमा किया गया। जिसकी पालिसी संख्या 387943877 है, उपरोक्त पालिसी का प्रीमियम उमेश को अभिषेक डेनियल द्वारा 2021 तक घर छमाही नियमित देता रहा, जबकि उमेश ने इस पालिसी का प्रीमियम जनवरी 2018 तक ही जमा किया।
इधर उमेश ने आशेन्द्र कुमार या अभिषेक को बताए बगैर ही आशेन्द्र की नई पालिसी 367812364, चार सितंबर 2019 को शुरू कर दी। वहीं पुराने पालिसी का पैसा जमा नहीं किया, जिससे आशेन्द्र की पुरानी पालिसी लेप्स हो गई, जबकि पुत्र अभिषेक डेनियल नियमित रूप से पैसा उमेश को देता रहा। अभिषेक ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नवम्बर 2021 में हुई, तब वे पतासाजी में जुटे। बाद से उन्हें उमेश बात बनाकर घूमाता रहा।
अभिषेक ने कहा कि इस मामले की शिकायत पहले एलआइसी शाखा प्रबंधक को मौखिक तौर पर की, किंतु से भी समाधान नहीं किए और गैर जिम्मेदारी से पेश आते रहे। बाद तीन व चार फरवरी को उन्होंने मामले की लिखित शिकायत थाना व एलआइसी आफिस में की है।
अभिषेक ने बताया कि एजेंट उमेश निर्मलकर पर उन्होंने भरोसा किया, उन्हें फोन-पे से वे प्रीमियम का भुगतान करते रहे, लेकिन उमेश ने विश्वासघात किया। पिता आशेन्द्र की बगैर जानकारी, बिना सहमति, बिना हस्ताक्षर नया बीमा किया, दिवंगत डा बीसी पींचा के समक्ष ले जाये बिना ही उनका मेडिकल बनवाया, यहां तक कि फर्जी साइन की। उनके मुख्य सलाहकार राकेश झाबक ने भी बिना परीक्षण किए एजेंट गोपनीय प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर किया। इधर पॉलिसीधारक का मेजरमेंट गलत लिखा। 2016 में आशेन्द्र का कद 175 सेमी लिखा गया, तीन साल बाद 2019 में फर्जी मेडिकल के आधार पर कद 168 लिख दिया गया।
Shantanu Roy

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