फिर बतौली में कुछ होने वाला है बड़ा, सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात
कई जिलों से पहुंचे पुलिस के सिपाही
सरगुजा। बतौली विकासखंड के ग्राम चिरंगा में स्थापित होने वाले एलुमिनियम फैक्ट्री के लिए ग्राम में कुछ बड़ा होने वाला है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 1 सप्ताह से बतौली में सैकड़ों की संख्या में पुलिस के जवान भ्रमण करते हुए दिखाई देते हैं। इनकी तैनाती बतौली में की गई है।अपुष्ट खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चिरंगा में स्थापित होने वाले मां कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री के लिए अगल-बगल के गांव कि ग्रामीण विद्रोह एवम आंदोलन का रुख अपनाये हुए हैं। करदना,चिरंगा,लैगू,कालीपुर,मांजा के साथ अन्य ग्रामों के ग्राम ग्रामवासी सप्ताह में 2 दिन बैठक करते हैं।
इस बैठक में अगल बगल के कई गांव की ग्रामीण महिला पुरुष उपस्थित होते हैं।जिनका एकमात्र उद्देश्य फैक्ट्री का विद्रोह करना है।इनका स्वरूप शांतिपूर्ण होने के कारण पुलिस वाले भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। परंतु अब कुछ बड़ा होने वाला है। इसका इसी बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि सरगुजा रेंज की कई जिलों के पुलिस बल बतौली में तैनात किए गए हैं। इनकी संख्या 1000 से ज्यादा है।सरगुजा, बलरामपुर,सूरजपुर, मनेंद्रगढ़, कोरिया,जसपुर के अलावा पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के कई जवानों को बतौली में तैनात किया गया है।इनका नेतृत्व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीतापुर कर रहे हैं। ताकि जब जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग करके विद्रोहियों को हटाया जा सके ।और जहां पर फैक्ट्री बनने हैं उस स्थान पर कब्जा करके मां कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री को सौंपा जा सके।अपुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 3 महीने के लिए इस दल को यहां तैनात किया गया है।
दंगा विरोधी दल भी इस टीम में शामिल है। शस्त्र के रूप में बड़े-बड़े हथियार,मशीनगन,अश्रु गैस,हेलमेट कई प्रकार की सुरक्षा उपकरण बतौली थाना पहुंच चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है सरगुजा रेंज में पदस्थ ऐसे पुलिसकर्मी जिन्हें बतौली में पदस्थ थे,लंबे समय तक अपना ड्यूटी किए हुए हैं उन्हें बुलाया गया है।जिससे लोकेशन ,स्थान के साथ ज्यादा जानकारी हो,यहां के लोगों की पहचान हो, स्थानीय लोग ,बाहरी लोग की पहचान कर सकें।इसलिए यहां पदस्थ जितने भी पुलिसकर्मी थे उन्हें बतौली में बुला लिया गया है।अभी बतौली थाने में 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ।जो किसी भी समय किसी भी प्रकार के आंदोलन को दबा और कानून व्यवस्था बनाने में सक्षम साबित हो सकते हैं।किसी भी आंदोलन को कुचल कर एल्युमिना फैक्टरी को स्थापित कर सकते हैं।
मां कुदरगढ़ी एलुमिनियम फैक्ट्री का एक और फैक्ट्री ग्राम सिलसिला विकासखंड लुंड्रा में स्थित है। यह फैक्ट्री बतौली से 5 किलोमीटर अंबिकापुर की ओर स्थापित की गई है ।यहां भी पिछले 3 साल से ग्रामवासी विरोध कर रहे हैं ।ग्राम वासियों के विरोध को दरकिनार करते हुए फैक्ट्री स्थापित की गई। फैक्ट्री स्थल से 1 किलोमीटर के एरिया में खेतों में काले रंग के डस्ट जम गए हैं। पानी काली हो गई है। और फसलों को भी नुकसान कर रही है। 1 सप्ताह पहले फैक्ट्री के विद्युत सप्लाई के लिए 33 केवीए का ट्रांसफार्मर स्थापित करने खंभे और केबल खींचने का कार्य लगभग 150 कर्मी कार्य कर रहे थे।विधुतीकरण कार्य को रात के अंधेरे में करने के लिए माँ कुदरगढ़ी एलुमिना फैक्टरी ने डेढ़ सौ कर्मचारियों को लगाया था। खंभे और तार लगाने का काम की जब ग्राम वासियों को इसकी भनक लगी तब सभी को घेर लिया और कुछ लोगों से हाथापाई भी हुई।ग्रामवासियों के उग्र रूप को देखकर काम कर रहे वर्कर सभी सामान छोड़कर भाग खड़े हुए।
ग्राम वासियों ने कहा फैक्ट्री से जो काला धुआं निकलता है वह गांव की और जाता है जिससे बच्चों को और ग्राम वासियों को समाज की तकलीफ और खांसी हो रही है ।काले धुएं और डस्ट से यहां का पानी खराब हो रहा है ।और फसलें भी खराब हो रही हैं।प्रशासन को इसकी जानकारी दी जाती है.