सटोरियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद पुलिस का अभियान पड़ा ठंडा
- हल्के धाराओं में कार्रवाई के चलते जमानत पर छुटे सटोरिये फिर हुए सक्रिय
- थाना सीमा का सटोरिए-जुआरी उठा रहे बेजा फायदा
- छत्तीसगढ़ कॉलेज का रास्ता किस थाना क्षेत्र में आएगा नए कप्तान तय करे
- फरारी काटने का सबसे सुरक्षित ठिहा - सट्टा का खुलेआम कारोबार कर रहे आपराधिक तत्व पूरे गली मौहल्ले में पैर पसार चुके है। चौक में ही असामाजिक तत्वों का मजमा लगा रहता हैं। दिन-रात यहां गैंगस्टर और बड़े निगरानी शुदा बदमाश आना-जाना रहता है यहां तक वे फरारी भी यहीं काटते हैं। हर दिन शाम होते ही छत्तीसगढ़ कॉलेज के आस-पास रक्सेल गैंग, तंजील गैंग, दिनेश गैंग, रवि साहू गैंग गुर्गों की मीटिंग होती है और इस मीटिंग में सभी शामिल होकर सट्टे के कारोबार पर चर्चा करते है.
- जनता से रिश्ता के संवाददाता ने अपराधियों के अड्डे में जाकर स्टिंग किया है। इस पूरे मामले की जांच में पाया कि पुलिस के नाक के नीचे से अपराधी मीटिंग करते हैं और अपने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते है और कोतवाली थाना पुलिस व सिविल लाइन थाना पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहती है।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में कई ऐसे इलाके है जहां खुलेआम सट्टा-जुआ का अवैध कारोबार चल रहा है, रायपुर में सट्टा का कारोबार रोजाना निरंतर चल रहा है। सिविल लाइन थाना और कोतवाली थाना के बीच के इलाके में दिनेश, प्रदीप और रवि साहू मिलकर अब कारोबार चला रहे है। वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ कॉलेज के आस-पास का इलाका अब पूरी तरह से सट्टेबाजों के कब्जे में आ चुका है। वही दूसरी तरफ सिविल लाइन और कोतवाली थाना पुलिस को ये पता ही नहीं कि बैरन बाजार छत्तीसगढ़ कॉलेज किस थाना क्षेत्र में आता है। यहां तक कि दोनों थाना पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को भी इस बात की भनक तक नहीं होती कि उनके इलाके में सट्टा-जुआ गांजा का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। रायपुर पुलिस द्वारा चलाए अभियान अब ठंडे बस्ते में जाते दिख रहे है। ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 114 सट्टेबाजों की गिरफ्तारी के बाद सभी खाईवालों के गुर्गे जमानती धाराओं के चलते एक के बाद एक छूटते गए।
नए कप्तान तय करे छत्तीसगढ़ कॉलेज किस थाना क्षेत्र का दायरा
सिविल लाइन और कोतवाली के क्षेत्र आने वाला छत्तीसगढ़ कॉलेज का रास्ता किस थाना क्षेत्र में आता है। अब नए कप्तान शहर में आये है आते ही सट्टेबाजों, नशेडिय़ों के खिलाफ की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद उन्हें ये तय करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ कॉलेज का रास्ता किस थाना क्षेत्र में आता है सिटी कोतवाली या सिविल लाइन थाना। नए कप्तान इस मामले में स्वत: संज्ञान में लेते हुए इस मुद्दे पर गौर करें।
सट्टेबाजों की हौसले उनके आकाओं से बढ़े
शहर भर में सट्टा कारोबार रवि साहू की गैंग चला रहा है। लेकिन पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती है। पुलिस को इनके ठिकाने में दबिश देती जरूर है लेकिन उससे पहले ही रवि और उसके गुर्गों को पुलिस के आने की खबर मिल जाती है जिस वजह से रवि और उसके गुर्गे खुद को अपने इलाके से बाहर रखकर पुलिस की नजऱों से छिपकर घुमते है। सट्टेबाजी के दिग्गज माने जाने वाले सट्टा किंग दिलीप नायर (अन्ना) का शागिर्द रवि साहू ने दिलीप की मौत के बाद से ही उसने शहर भर में अपने सट्टे के धंधे को बढ़ा लिया है। शहर भर में मुंह में गमछा बांधकर घूमने वाला रवि शास्त्री बाजार में खुद भीड़ का फायदा उठाकर सट्टा खिलाता है। पुलिस की नजऱें भी रवि तक नहीं पहुंच पाती क्योंकि भीड़ के बीचो-बीच बैठकर सट्टा खिलाने वाला रवि साहू खुद को पुलिस से बचाने के लिए अपने साथ बॉडीगार्ड भी रखे रहता है।
खुलेआम चल रहा सट्टा
राजधानी में समता कालोनी,तेलाबांधा, कटोरातालाब , राजातालाब, बस स्टैंड, मोवा, दलदल सिवनी, पुरैना, गुढिय़ारी, कोटा, गोगांव, खमतराई, बिरगांव, कबीर नगर, बोरिया खुर्द और बोरिया कला, टीटीबंध, लाभांडी के तक सटोरियों का जाल बिछा है। हर रोज लाखों के दाव लगते है। लेकिन पुलिस बेखबर है। सट्टा खिलाना जहां दिन भर यातायात पुलिस, ट्रैफिक वाले तैनात रहते हैं उनके सामने इस तरह की अवैध कारोबार चल रहा हैं। सट्टेबाजों के खिलाफ आज तक थाना में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है, जिससे अपराधी सीना तानकर घूम रहे हैं। रायपुर में क्रिकेट सट्टा खिलाने के लिए सेवन स्टार नामक विशेष एप का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। जब-जब आईपीएल क्रिकेट मैच चालू होता हैं सट्टा खिलाने वाले लोगों के प्यारे-न्यारे होते हैं और खुलेआम अपने घरों में भी मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाते हैं।