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रायपुर। राज्य में लोकसभा आम निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद से संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही द्रुत गति से जारी है। राज्य में इन दोनों तरह की संपत्तियों से 20 मार्च तक कुल तीन लाख 14 हजार 674 प्रचार सामग्रियां हटाई गई हैं। सार्वजनिक संपत्तियों से संबंधित एक लाख 99 हजार 154 और निजी संपत्तियों से संबंधित एक लाख 15 हजार 520 प्रकरणों पर कार्यवाही की गई है।
राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत प्रदेश भर में कुल तीन लाख 27 हजार 210 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक संपत्ति से संबंधित दो लाख नौ हजार 45 और निजी संपत्ति से संबंधित एक लाख 18 हजार 165 प्रकरण शामिल हैं। सभी जिला प्रशासन द्वारा इन्हें हटाने की कार्यवाही तेजी से जारी है। अधिनियम के अंतर्गत दुर्ग जिले में सरकारी और निजी संपत्तियों से बैनर, पोस्टर, वॉल राइटिंग इत्यादि हटाने की 41 हजार 788, सुकमा में 2048, गरियाबंद में 5784, बेमेतरा में 8928, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में 2819, बालोद में 16 हजार 973, जशपुर में 4425, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 2931 और सरगुजा में 9876 कार्यवाही की गई हैं।
संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कुल 8935, रायगढ़ में 4557, सूरजपुर में 3942, कांकेर में 4591, बिलासपुर में 27 हजार 881, दंतेवाड़ा में 1383, महासमुंद में 23 हजार 137, जांजगीर-चांपा में 8531, बस्तर में 823, कोरबा में 19 हजार 343, कोण्डागांव में 12 हजार 339, कबीरधाम में 12 हजार 700, बीजापुर में 1886, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 5774, राजनांदगांव में 16 हजार 927, बलरामपुर-रामानुजगंज में 5917, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 4109, कोरिया में 2816, नारायणपुर में 191, मुंगेली में 4542, सक्ती में 6917, धमतरी में 8735 और रायपुर में 33 हजार 126 संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही 20 मार्च तक की गई है।
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