मूक पशुओं के प्रति करुणा भाव प्रभु नेमीनाथ के जीवन से अपनाएं

रायपुर। आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में जारी सूत्र शिरोमणि कल्पसूत्र पर आधारित प्रवचन के अंतर्गत राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने पयुर्षण पर्व के सातवें दिन भगवान पार्श्वनाथ, भगवान नेमीनाथ एवं भगवान श्रीआदिनाथ के जीवन चरित्र का श्रवण कराया।
पशुओं की करुण पुकार सुनकर अपने विवाह बारात के रथ को वापस लौटाकर संयम मार्ग पर निकल पड़े भगवान श्रीनेमीनाथ के जीवन प्रसंगों का वर्णन करते हुए संतश्री ने कहा कि हम भगवान श्रीनेमीनाथ के जीवन से मूक पशुओं के प्रति दया-करुणा को अपने जीवन में चरितार्थ करें। इसी क्रम में उन्होंने भगवान श्रीआदिनाथ-श्रीऋषभदेव प्रभु के जीवन चरित्र का श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान श्री आदिनाथ ने मानवता को जीना सिखाया। जिन्होंने इंसान को सत्य जीवन जीने का मार्ग दिखाया। उन्होंने पुरुषों की 72 कलाओं और महिलाओं की 64 कलाओं का ज्ञान दिया। वेदों में उनकी गौरव गाथा का उल्लेख है। वे असी, मसी और कृषि के जनक हैं, आज अगर दुनियाभर में जो जीवन प्रबंधन का ज्ञान चल रहा है, उसके स्रोत भगवान आदिनाथ रहे हैं। इस प्रसंग पर श्रद्धालुजन जय-जय आदिनाथ भगवान, इक्षु रस से किया पारणा, आखा तीज महान... जैसे भगवानश्री आदिनाथ के भक्तिपूर्ण भजनों पर करतल ध्वनियों के साथ गुणगान करते मग्न हो उठे।
भरत व बाहुबली के युद्ध के कथानक से श्रद्धालुओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए संतश्री ने कहा कि हर व्यक्ति यह विवेक रखे कि वह अपने जीवन में कभी घमंड न करे। जो संघ को अपना पति अर्थात् संघ को अपने से बड़ा मान लेता है, संघपति वही होता है। मनुष्य को कभी भी अपने रंग-रूप, वैभव-संपत्ति, शरीर सौंदर्य का अहंकार नहीं करना चाहिए। प्रभु परमात्मा की साधना-आराधना, भक्ति में जीवन जीते हुए हमें अपने मन की दशाओं को निर्मल करना है।
तीर्थंकर परमात्माओं के जीवन चरित्रों के वर्णन उपरांत आज संतप्रवर द्वारा श्रद्धालुओं को 'युग प्रभावी आचार्यों की पट्ट परम्परा एवं साधु-समाचारी'के वृतांत का श्रवणलाभ प्रदान किया।
तपस्वियों के एकासने के लाभार्थी हुए सम्मानित
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली, ट्रस्टीगण तिलोकचंद बरड़िया, राजेंद्र गोलछा व उज्जवल झाबक ने संयुक्त जानकारी देते बताया कि श्रद्धालुओं को ज्ञान पुष्प भेंट करने के लाभार्थी पुखराज ललवानी स्मृति में लालचंद ललवानी परिवार सहित श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट को 1 लाख 11 हजार 111 की राशि व सात क्षेत्रों में दान हेतु 11 हजार रुपए राशि समर्पित करने वाले साधर्मिक मोतीलाल लूनिया परिवार का श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट मंडल व महेंद्र कुमार सौरभ धाड़ीवाल द्वारा बहुमान किया गया।
वहीं अक्षय निधि, समवशरण, कसाय विजय तप के एकासने के 29 अगस्त के लाभार्थी राजेंद्र कोचेटा परिवार, सुशीला देवी मुणोत परिवार, नेमीचंद बेगानी परिवार, मिलापचंद लुनिया परिवार, संतोष गोलछा परिवार, तनसुखलालजी कोठारी परिवार, केशरीमल महेंद्र विकास सेठिया परिवार, जयराजजी शिवराज बेगानी परिवार, धरमचंद राजेश निम्माणी परिवार का भी बहुमान हुआ। सूचना सत्र का संचालन चातुर्मास समिति के महासचिव पारस पारख ने किया। 21 दिवसीय दादा गुरुदेव इक्तीसा जाप श्रीजिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी में प्रतिदिन रात्रि साढ़े 8 से साढ़े 9 बजे तक जारी है, जिसमें श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर पुण्यार्जन कर रहे हैं। आज धर्मसभा में श्राविका अंजलि पारख द्वारा गुरु महिमा पर भक्तिगीत- गुरुदेव पधारे हैं, स्वर्णिम नजारे हैं की मधुर प्रस्तुति दी गई।
अनेक तपस्वियों का हुआ बहुमान
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं दिव्य चातुर्मास समिति की ओर से मंगलवार को 8 उपवास के तपस्वी मौली चोपड़ा, दुर्गा चोपड़ा, आयुष चोपड़ा, लीला कांकरिया, प्रिया कोचर, राहुल लुंकड़, ऋषिका बैद, सुनीता लोढा, अभिनव लोढा, सतीश लोढा, प्रखर बोथरा, हिमांशु दोसी, विजय छाजेड़, सरोज लोढा, दीक्षा लोढा, रेखा बंगानी सहित 10 उपवास के तपस्वी रूपेश पटेल, 27 उपवास की तपस्वी कु. प्राची पारख, 30 उपवास के तपस्वी वीरेंद्र लोढा व मासक्षमण के तपस्वी सुनील सोनी का बहुमान किया गया। पर्युषण पर्व के इस पावन अवसर पर राष्टÑसंतों की निश्रा में सौ से ज्यादा अट्ठाई, पांच सौ से ज्यादा तेला की तपस्याएं चल रही हैं। 20 वर्षीय आराधिका के 28 उपवास हैं तो वयोवृद्ध तपस्विनी माताजी का 28वां वर्षी तप चल रहा है।
आज मूल कल्पसूत्र-बारसा सूत्र का वांचन
गुरुदेव को सूत्र वोहराने व ज्ञान पूजा का अवसर भी
दिव्य चातुर्मास समिति के महासचिव प्रशांत तालेड़ा व कोषाध्यक्ष अमित मुणोत ने बताया कि बुधवार 31 अगस्त को पर्वाधिराज पर्युषण पर्व आराधना के अष्टम दिवस प्रात: ठीक 8 बजे से पूज्य गुरुदेव की वाणी से प्राकृत भाषा में रचित मूल कल्पसूत्र-बारसा सूत्र का वांचन होगा। आरंभ में श्रद्धालुओं के लिए गुरु भगवंत को सूत्र वोहराने और पांच ज्ञान की पूजा का पुण्यलाभ प्राप्त करने का भी शुभ अवसर रहेगा। साथ ही दादाबाड़ी में जारी 21 दिवसीय गुरु इकतीसा अनुष्ठान में विराजित दादा गुरुदेव की प्रतिमा को घर ले जाने का पुण्य अवसर भी सौभाग्यशाली श्रद्धालु को प्राप्त होगा।
संवत्सरी पर आज सामूहिक सामायिक दिवस
कल बुधवार, 31 अगस्त को संवत्सरी पर पूज्य गुरुदेव द्वारा सामूहिक सामायिक दिवस घोषित किया गया है। इस दिन सभी श्रद्धालु सुबह व शाम तीन-तीन सामायिक लेंगे। दोपहर 3 से शाम 6 बजे के पूर्व सकल जैन समाज द्वारा सामूहिक प्रतिक्रमण होगा। जिसके लिए सभी से स्वयं का आसन, मुपत्ति साथ लाकर पूजा के वस्त्रों में आने का आग्रह किया गया है। पौषध व्रत सुबह 5.30 बजे से एवं महिलाओं का सायंकालीन प्रतिक्रमण प्रवचन पांडाल में होगा, बारसा सूत्र वांचन-श्रवण के उपरांत सदर जैन मंदिर के लिए चैत्य परिपाटी निकाली जाएगी। पुरुषों का सायंकालीन प्रतिक्रमण दादाबाड़ी में किया जाएगा। आंगी समिति सदरबाजार द्वारा प्रभु परमात्मा की प्रतिमाओं की मनोहारी आंगी सजाई सदर जैन मंदिर में सजाई जा रही है।
