छत्तीसगढ़

प्रशासन तुंहर द्वार : 68 आवेदन का हुआ निराकरण, 20 आवेदन लंबित

Shantanu Roy
8 Dec 2022 6:24 PM GMT
प्रशासन तुंहर द्वार : 68 आवेदन का हुआ निराकरण, 20 आवेदन लंबित
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कवर्धा। ''प्रशासन तुंहर द्वार'' अभियान के अंतर्गत ग्राम हिर्री में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में आस-पास के ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। जिसमें क्षेत्रवासियों के द्वारा कुल 88 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 68 आवेदन का निराकरण हुआ व 20 आवेदन लंबित रहे। शिविर में क्षेत्रवासीयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और शासन की योजनाओं से संबंधित जानकारियों भी हासिल की। जन समस्या निवारण शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न रोगों की जांच एवं दवाई वितरण के लिए कैंप लगाए गए। इसके अलावा सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं को विभिन्न रोगों के लक्षण एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दी गई। जिसमें प्रमुख रूप से परिवार नियोजन के लाभ एवं सास-बहू के आपसी समन्वय से घर-गृहस्थी को चलाने के बारे में भी महिलाओं को जागरूक किया गया। मोर मितान मोर संगवारी जागरुकता कार्यक्रम के तहत ग्रामीण पुरुषों को परिवार नियोजन हेतु जागरूक किया गया। जिसमें वे पुरुष जो नसबंदी करवा चुके है उनकी सहायता ली गई, कि वे अपना अनुभव साझा करें, उन्हे बताएं कि नसबंदी का कोई दुष्प्रभाव अथवा मेडिकल रियक्शन नही है ताकि अन्य पुरुष आश्वस्त होकर नसबंदी के लिए प्रेरित हो सकें। किशोरी बालिका जागरूकता के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं को माहवारी के वक्त होने वाली समस्याओं एवं उसके उपचार संबंधी जानकारी दी गई। साथ ही उन्हे माहवारी के समय लिए जाने वाले पोषणयुक्त आहार, माहवारी के दौरान स्वच्छता न रखने जैसी कुछ आदतों के कारण होने वाले संक्रमण के बारे में जागरूक किया गया। शिविर में शिक्षा विभाग द्वारा प्रर्दशनी लगाई गयी। जिसमें स्कूली बच्चों द्वारा बनाई गई विज्ञान मॉडल्स को प्रर्दशित किया गया। कबाड़ से जुगाड़ अर्थात अपशिष्ट सामग्रियों से वॉटर हार्वेस्टिंग, रेन वाटॅर हार्वेस्टिंग एवं अन्य मॉडल शामिल किए गए।
स्थानीय भाजियां और छत्तीसगढ़ के परंपरागत व्यंजन रहे मुख्य आकर्षण
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एकीकृत बाल विकास परियोजना अंतर्गत विशाल पोषण आहार प्रदर्शनी लगाई गई। जिसके अंतर्गत रेडी-टू-ईट स्थानीय फूड जैसे चौसेला, चकली, नारियल चटनी, अइरसा, बड़ा, गुलगुला भजिया, नमकीन कटवा, मीठा कटवा, गुजिया, काजू बिस्किट आदि। अंकुरित अनाज जैसे चना, मूंग, मूंगफली। इसके अलावा स्थानीय भाजियां जैसे गोभी भाजी, मूली भाजी, कुम्हड़ा भाजी, कांदा भाजी, लहसुन भाजी, भतवा भाजी, गुमी भाजी, पोई भाजी, तिवरा भाजी, बुहार भाजी, लाल भाजी, चौलाई भाजी, करमत्ता भाजी, मेथी भाजी, प्याज भाजी, चना भाजी, मीठा नीम, खट्टा पालक की प्रर्दशनी लगाई गई। विभाग द्वारा 5 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई। जिसमें सधौरी के तौर पर महिलाओं को तिली लड्डू, गुड़, फल्ली, भुंजा चना, संतरा, सेव, केला, नारियल, आयरन की गोली एवं ऋंगार सामग्री भेंट की गई। 5 गम्भीर कुपोषित बच्चों को सुपोषण कीट का वितरण किया गया। इस किट में तिली के लड्डू, गुड़, फल्ली, भुंजा चना, संतरा, सेव, केला, तेल, साबुन इत्यादि सामग्री दी गई। साथ ही 5 नवजात बच्चों का अन्नप्राशन भी किया गया।
उद्योगिकी विभाग द्वारा किसानों को जामुन, नींबू, अमरूद, कटहल आदि के पांच सौ नग पौधे वितरित किये गए। विभाग द्वारा 10 किसानों को बाड़ी किट प्रदान किया गया जिसमें पालक, मेथी, मूली के बीज एवं अन्य उपयोगी सामाग्री वितरित की गई। कृषि विभाग द्वारा थान सिंह साहू ग्राम सिलतरा, कनक बंजारे ग्राम सेवती, कृपाराम शिवारे ग्राम हिर्री व भग्गू लाल ग्राम सेवती को नेपसेक स्प्रेयर वितरित किया गया। मत्स्य विभाग द्वारा जय मां जल देवी मछुवा सहकारी समिति मर्या ग्राम दनिया को मछली जाल एवं शिवशक्ति मछूवा सहकारी सिमिती मर्या ग्राम बोरी को मछली जाल व फिश माउंट वितरित किया गया। जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन, एसडीएम धमधा बृजेश सिंह क्षत्रिय, तहसीलदार धमधा अखिलेश देशलहरे, जिला शिक्षा अधिकारी अभय जयसवाल, महिला एवं बाल विकास अधिकारी विपिन जैन, जिला रोजगार अधिकारी आर.के. कुर्रे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जे.पी. मेश्राम तथा जिला एवं विकासखण्ड के समस्त अधिकारी उपस्थित थे। अगला स्पॉट औंधी, 9 दिसंबर को पाटन क्षेत्र वासियों की प्रतिक्षा में- कलेक्टर ने आगामी होने वाले जन समस्या निवारण शिविर के लिए पाटन के क्षेत्र वासियों को तैयार रहने के लिए कहा है। उन्होंने हितग्राहियों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा अपनी समस्या को लेकर शिविर स्थल पर पहुंचे। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि प्रशासन तुंहर द्वार क्षेत्रवासियों के लिए एक सुनहरा अवसर है उनकी ही द्वार में समस्याओं का निदान किया जा रहा है। इसलिए यदि क्षेत्रवासी भी अपनी जागरूकता का परिचय देंगे तो यह प्रशासन और नागरिक दोनों के समन्वय को दर्शाएगा। शिविर में विभिन्न विभागों की उपस्थिति में स्टॉल तो लगा ही गए हैं, इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं, महिला एवं बाल विकास द्वारा पोषक आहार वह अन्य सेवाएं भी मुहैया कराई जा रही है।
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