रायपुर। दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ को लाल आतंक से मुक्ति दिलाने का सीरियस अभियान आज से लगभग दशकभर पहले तब शुरू हुआ जब सीमा सुरक्षा बल यानी BSI के कदम बस्तर की धरती पर पड़े। आज BSF के अतिरिक्त महानिदेशक आरएस भट्टी (कमांड मुख्यालय विशेष अभियान) ने यहां पत्रकारों से चर्चा कर अपनी टीम के पिछले दस साल के काम गिनाए। उन्होंने नक्सल उन्मूलन अभियान में BSF ने जो भूमिका अब तक निभाई है, उसकी सराहन की।
भट्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिसा में नक्सल विरोधी अभियान, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास और नागरिकों के मन में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ करने में सीमा सुरक्षा बल ने ज में भूमिका अब तक निभाई है उसकी डिटेल में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में नक्सलियों से लड़ते हुए सीमा सुरक्षा बल के 38 जवानों की शहादत हुई है। इस दौरान BSF के जवानों ने 1650 माओवादियों की गिरफ्तारी की। मुठभेड़ में 18 माओवादियों को मार गिराया गया। 891 माओवादियों को सरेंडर कराया गया। बीएसएफ ने 1473 हथियार, 958 आईईडी (IED) 3.176 किलोग्राम बारूद भी नक्सलियों से जब्ती किया। साल 2021 में BSF ने कुल 15 हथियार, 54 IED की जब्ती और 14 माओवादियों को सरेंडर या गिरफ्तार किया है।