छत्तीसगढ़

एडिशनल कलेक्टर को राशन दुकान निरस्त करने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

Shantanu Roy
23 April 2022 4:42 PM GMT
एडिशनल कलेक्टर को राशन दुकान निरस्त करने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट
x
छग

बिलासपुर। शासकीय उचित मूल्य दुकान निरस्त करने के एक मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एडिशनल कलेक्टर के आदेश पर स्टे लगा दिया है। एसडीएम के किसी शासकीय उचित मूल्य की दुकान के निरस्तीकरण आदेश के खिलाफ किसी अपील को सुनवाई कर निरस्त करने का अधिकार अतिरिक्त कलेक्टर को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2016 के नियम 18(2) के अंतर्गत नहीं है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाया और जवाब मांगा है।

कवर्धा जिले के कवर्धा तहसील में संचालित जय मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह घोटिया की अध्यक्ष सरोज बाई बारले ने रिट-याचिका लगाई थी। इसमें हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, अनुविभागीय अधिकारी कवर्धा को एक शिकायत मिली थी कि ग्राम पंचायत घोटिया में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालनकर्ता द्वारा दुकान सही समय पर नहीं खोला जाता। चावल, दाल, चना, मिट्टीतेल और नमक आदि भी समय पर नहीं मिलता।
इस शिकायत की जांच एसडीएम ने कवर्धा और पंडरिया खाद्य निरीक्षक से करवाई थी। शिकायत सही मिली, इसलिए एसडीएम ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन के आधार पर उक्त दुकान को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया। एसडीएम के इस आदेश के खिलाफ अतिरिक्त कलेक्टर कबीरधाम के न्यायालय में सरोज बाई बारले ने अपील पेश की, लेकिन यह अपील अतिरिक्त कलेक्टर ने आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं का भी उल्लंघन मानते हुए अस्वीकार कर दिया गया।
इससे क्षुब्ध होकर बारले ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और दीक्षा गौराहा के माध्यम से एक रिट-याचिका दायर की थ। इस याचिका में मुख्य आधार यह लिया गया कि एसडीएम के किसी शासकीय उचित मूल्य की दुकान के निरस्तीकरण आदेश के खिलाफ किसी अपील को सुनवाई कर निरस्त करने का अधिकार अतिरिक्त कलेक्टर को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2016 के नियम 18(2) के अंतर्गत नहीं है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत की बेंच ने राहत देते हुए अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही, शासन से जवाब-तलब किया है।
Shantanu Roy

Shantanu Roy

    Next Story