दुनिया भर के तस्करों का मुख्यालय और ड्रग्स कॉरिडोर बना रायपुर, विश्व में नंबर वन बनने की होड़ में
विदेशों से ड्रग्स का खेप पहुंचता है रायपुर, फिर पूरे देश में होता है सप्लाई
जनता से रिश्ता की खबर की पुष्टि
रायपुर बना नशे का हब, तस्करों की जद में राजधानी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। पूरे देश का ड्रग्स कोरिडोर रायपुर बना हुआ है, जहां से होकर ड्रग्स देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा रहा है। जनता से रिश्ता ने सामाजिक एवं जन सरोकार के तहत पिछले कई सालों से इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है और इस बात को शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाता रहा है कि रायपुर से पूरे देश में ड्रग्स की सप्लाई हो रही है। इस बात की पुष्टि कुछ माह पहले महासमुंद के युवक एवं पाली कोरबा की युवती के पकड़े जाने से हो गई थी। उन दोनों ने कोरियर से ड्रग्स गोवा भेजा था, लेकिन कोरियर वाले के चौकन्ना होने से मामला उजागर हो गया था। आये दिन चरस, गांजा, अफीम पुलिस द्वारा पकड़ा जा रहा है यह इस बात की पुष्टि करती है की अभी भी नशे के सामानों की सप्लाई रुकी नहीं है बल्कि दिन ब दिन बढ़ते जा रही है। जनता से रिश्ता पिछले कई अंकों में स्पस्ट रूप से प्रकाशित किया था की रायपुर सहित पूरा छत्तीसगढ़ नशे का हब बन गया है। रायपुर के रास्ते पूरे देश में ड्रग्स सप्लाई हो रही थी इसका प्रमाण आए दिन पकड़ में आ रहे ड्रग्स तस्कर हैं। रायपुर अब ड्रग्स सप्लाई का अंतर्राष्ट्रीय हब भी बन गया है साथ ही यहां से अब विदेशों में भी ड्रग्स भेजा जाने लगा है। महासमुंद के युवक-युवती के पकड़े जाने पर यह भी खुलासा हुआ कि गोवा भेजा जा रहा ड्रग्स अफगानिस्तान से आया था जो रायपुर होकर गोवा भेजा जा रहा था। इससे यह जाहिर होता है कि रायपुर से पूरे देश में ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है, और यह काम अभी भी बदस्तूर जारी है। छुटभैये नेताओ के वरहदस्त होने के कारण पुलिस भी हाथ डालने में कतराती है। नशे के सामान रायपुर होकर विदेशो तक पहुंचाई जा रही है। शहर की घनी आबादी में नशे के सौदागरों का नेटवर्क चलता है और पुलिस के आने की सुचना मिलने पर वे गलीयो से भाग जाते हैं। छत्तीसगढ़ अब गोवा जैसे पुराने नशे के गढ़ को पीछे छोडक़र नया नशे का गढ़ बन गया है। सिर्फ यही नहीं राजधानी के हर गली-मोहल्ले में नशे का तगड़ा नेटवर्क खड़ा हो गया है। इसे तोडऩे नारकोटिक्स सेल ने तस्करों और सप्लायरों की सूची तैयार की थी मगर इनकी धर-पकड़ नहीं हो पाई। पिछले साल भी पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ काफी मामले दर्ज किये थे इस साल भी बड़े पैमाने पर गांजे और अन्य ड्रग की तस्करी के कई मामले सामने आए। राजधानी में ज्यादातर अंतरराज्जीय व बाहरी तस्कर पकड़े गए हैं जो लोकल गैंग व उसके गुर्गों से मिलकर ड्रग की सप्लाई करते हैं लेकिन राजधानी पुलिस इन लोकल ड्रैग तस्करों या उनके गुर्गो पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
कहां से कहां तक नशीली दवाइयां: नशीली दवाइयां ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्रा से यहां सप्लाई हो रही है।
ड्रग्स सप्लायरों अड्डा: ड्रग्स की तस्करी महाराष्ट्र और गोवा से होती है। दिल्ली से भी ड्रग्स आने लगे हैं। अफीम-पं. बंगाल व असम से अफीम की तस्करी हो रही है। ट्रक वाले बड़े सप्लायर हैं।
चरस का मुख्य स्रोत: चरस बंगाल, पंजाब-झारखंड से आता है। ज्यादातर ट्रक और ट्रेन से तस्करी हो रही है।
सटोरिए-खाइवाल चुस्त, कार्रवाई सुस्त
पुलिस राजधानी के सटोरियों और खाईवालों पर भी कार्रवाई नहीं कर पा रही है। सट्टे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सटोरियों और खाईवालों के खिलाफ पुलिस की यदा-कदा चलने वाला अभियान महज खाना पूर्ति ही होती है। पुलिस गुर्गों पर कार्रवाई कर यह जताने की कोशिश करती है कि वह अवैध गतिविधियों और कारोबारों को रोकने सख्त है लेकिन वास्तविकता यही है कि सटोरियों-खाईवालों और अन्य अवैध कारोबारों को संचालित करने वालों और छुटभैय्ये नेताओं के दम पर ही थानों की रोजमर्रे की जरूरतें पुरी होती हैं ऐसे में सट्टा, जुआ व नशे के अवैध कारोबारियों पर पुलिस की हर कार्रवाई सिर्फ दिखावे की होती है जिसमें सरगना पर आंच आना तो दूर गुर्गे भी कार्रवाई के चंद घंटे बाद फिर से अपने धंधे में सक्रिय हो जाते है। राजधानी का सट्टा किंग मुंबई के गैंगस्टर्स के नक्शे-कदम पर चलकर अपना तगड़ा नेटवर्क बनाकर शहर के भीतरी और आउटर के मोहल्लों में सट्टा लिखने के लिए गुर्गों को तैनात कर रखा है। राजनीतिक और पुलिसिया संरक्षण में सट्टा-जुआ और गांजा, अवैध शराब का धंधा चलाने वाले रवि साहू, आसिफ, सलीम, देव, अन्ना और अनिल आलू के ठिहे आज भी बिना किसी खौफ और रोक-टोक के चल रहे हैं। जहां रोज लाखों के सट्टापट्टी लिखे जाते हैं।
रवि साहू के गुर्गे सक्रिय-सूत्र बताते है कि रवि साहू ने नेताओं के नाम फायदा उठाकर लंबा चौड़ा कारोबार फैला रखा है। बड़े-बड़े दांव की खाईवाली कर रहा है। गोलबाजार बंजारी मंदिर के पास एक परमानेंट ठिहा रविसाहू ने बना रखा है, जहां छोड़े-बड़े सटोरिए जुटते है। और बड़े-बड़े दांव और पुलिस से सेटिंग के रास्ते निकालने के पैंतरे निकालते है। काली बाड़ी में तो रवि साहू का एकतरफा सट्टा दौड़ रहा है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों को इस मामले का संज्ञान होने के बाद भी रवि के राजनीतिक संरक्षकों के निर्देश से पुलिस हाथ खींच रही है। जिसके कारण रवि साहू को कारोबार दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ते जा रहा है।
नशामुक्ति के लिए काम करेंगी ढाई हजार से ज्यादा भारत माता वाहिनी
नशामुक्ति के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में 2626 भारत माता वाहिनी का गठन किया है। इनके माध्यम से समाज कल्याण विभाग प्रदेश में नशामुक्ति के लिए व्यापक अभियान चलाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर भारत माता वाहिनी योजना का संचालन किया जा रहा है। नशामुक्ति अभियान के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में ग्राम स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से नशामुक्ति के पक्ष में रैली, प्रभात फेरी, व्यसन से होने वाले दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार, नारे, दीवार लेखन, पोस्टर, पांपलेट, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनसामान्य में नशामुक्ति के लिए जागरूकता विकसित करने का कार्य किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर नशा पीडि़तों के सर्वेक्षण, नशामुक्ति की प्रेरणा और उपचार के लिए विभाग अंतर्गत संचालित नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती कराने की कार्रवाई की जाएगी। नशामुक्ति अभियान के परीक्षण, निरीक्षण और अनुश्रवण की समुचित व्यवस्था की जाएगी। योजना के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया जा रहा है। इस समिति में महिला अध्यक्ष और समूह में अधिकतम तीन पुरुष सदस्य शामिल होते हैं। सदस्यों के चयन में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्त महिला, तृतीय लिंग के व्यक्ति, बौने व्यक्ति, नशामुक्त हो चुके व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाती है। भारत माता समूह को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं सदस्यों का नाम ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद संयुक्त व उप संचालक जिला कार्यालय समाज कल्याण में पंजीयन के लिए आवेदन करना होता है। इसके अलावा जिला एवं राज्य स्तर पर भी भारत माता वाहिनी समिति का गठन किया जा रहा है।
जिले में इतनी वाहिनी गठित : वर्ष 2022-23 में अब तक बस्तर में 94 वाहिनी, सुकमा में 42, नारायणपुर में 28, महासमुंद में 71, जांजगीर-चांपा में 131, कबीरधाम में 62, राजनांदगांव में 144, कोरिया में 82, जशपुर में 133, बेमेतरा में 69, धमतरी में 73, मुंगेली में 56, बालोद में 94,कोरबा में 95, दुर्ग में 57, सूरजपुर में 118, रायगढ़ में 176, कोंडागांव में 99, बीजापुर में 80, गरियाबंद में 100, कांकेर में 140, बलरामपुर में 120, रायपुर में 80, दंतेवाड़ा में 80, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 60, बिलासपुर में 80, बलौदाबाजार-भाटापारा में 121, सरगुजा में 141 इस प्रकार कुल 2,626 भारत माता वाहिनी गठित की है।