महासमुंद। आदिवासी बालक छात्रावास बीते 28 मार्च की शाम रितेश नाम के कक्षा 7वीं के एक छात्र की जांघ में पक रहे चावल की माड़ गिरने से चमड़ी उधड़ गई तथा फफले पड़ गए। दुर्भाग्य यह कि घटना के वक्त छात्रावास में अधीक्षक और जलवाहक दोनों नदारद थे। रात भर तड़पते रहने के बाद कल दूसरे दिन बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के बाद कल जांच करने सहायक आयुक्त शिल्पा साई अपनी टीम के साथ छात्रावास पहुंची और बच्चों का बयान आदि लेकर छात्रावास के अधीक्षक मोहनीश वैष्णव को तत्काल वहां से हटाकर जिला मुख्यालय संलग्न किया।
यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर पटेवा स्थित छात्रावास की है। इस छात्रावास में कुल 8 छात्र निवास करते हैं। इनमें से 5 छात्र परीक्षा खत्म होने के बाद अपने-अपने घरों को लौट गए थे। परसों मंगलवार की शाम छात्रावास में 3 छात्र थे। अधीक्षक मोहनीश वैष्णव, जलवाहक द्वय मोहन यादव और अजय कुर्रे नदारत थे। शाम को भूख लगने पर बच्चे खुद खाना बना रहे थे। चावल पकाते समय उबलते हुए चावल का माड़(पसिया) रितेश पिता शिवकुमार खैर 12 वर्ष कक्षा 7 वीं की साकिन ग्राम कुहरी की जांघ में गिर गया। इससे उसके जांघ की चमड़ी झुलस गई तथा फफले पड़ गए। दर्द से कराहते रितेश को देखकर साथी छात्र ने उसे चिकित्सा सुविधा दिलाने की कोशिश की। लेकिन रात 8-9 बज चुके थे। लिहाजा वे छात्रावास से थोड़ी दूर स्थित संजय पाटकर के घर जाकर इस घटना की सूचना दी। वहां मलहम आदि की व्यवस्था की गई। इसी मलहम के सहारे बच्चे ने जैसे-तैसे रात काटी।