छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और आयोग की गठित समिति द्वारा शुक्रवार को बस्तर जिले के महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में की गई। सुनवाई के प्रकरणों में मानसिक प्रताड़ना, अपहरण, दहेज प्रताड़ना, हत्या, कार्यस्थल पर प्रताड़ना के 15 प्रकरण शामिल थे। इस दौरान अध्यक्ष नायक ने विभिन्न विभागों को महिलाओं से संबंधित लंबित प्रकरणों में शीघ्रता से कार्यवाही के निर्देश दिए। एक प्रकरण में गुम महिला की शिकायत को लेकर उनके पिता उपस्थित हुए थे जिसमें 2 साल से अधिक समय हो गया। आयोग ने संबंधित थाना प्रभारी को तलब कर खोजबीन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये और किये जा रहे प्रयासों को नियमित तौर पर आयोग को अवगत कराने के लिए कहा। इसी तरह 11 वर्ष पुराने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण में अध्यक्ष ने सहायक जिला शिक्षा अधिकारी को अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया तत्काल करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के एक मामले में आंतरिक परिवाद समिति का गठन नहीं किये जाने पर डॉ.नायक ने जगदलपुर के सी एम एच ओ से बात कर 1 माह के अंदर आंतरिक परिवाद समिति का गठन कर जांच पूरी करने के निर्देश दिये।
एक अन्य मामले में अनावेदक ने पहली पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी किया था। आयोग के संज्ञान में आने पर नियोक्ता से अनावेदक के वेतन और जमा धन राशि का विवरण मंगाया जा रहा है,ताकि आवेदिका और उसके बच्चों का भविष्य सुनिश्चित हो सके। एक पीड़ित महिला द्वारा उसके बेटे के गुम होने या मृत होने को लेकर संदेही व्यक्तियों के नारको टेस्ट में लेट-लतीफी की शिकायत पर अध्यक्ष ने एसपी जगदलपुर से टेलीफोन पर चर्चा की और प्रक्रिया में तेजी लाने स्वयं डीजे जगदलपुर से स्वयं बात करने की बात कही।
सुनवाई के दौरान शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इस अवसर पर जगदलपुर महापौर सफीरा साहू, शासकीय अधिवक्ता कु शमीम रहमान, अधिवक्ता आलोक दुबे, विणा हिरवानी, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं पुलिस प्रशासन भी मौजूद थी।