छत्तीसगढ़

नई पीढ़ी को नशापान से बचाने हुक्काबारों पर कार्रवाई जरूरी

Nilmani Pal
30 Sep 2021 5:37 AM GMT
नई पीढ़ी को नशापान से बचाने हुक्काबारों पर कार्रवाई जरूरी
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शराब बंदी के लिए बनी समाजिक संगठनों की समिति की पहली बैठक

चुनिंदा स्थानों पर हो शराब दुकान समय-सीमा में हो कटौती

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राज्य में पूर्ण शराब बंदी के लिए सरकार द्वारा गठित की गई सामाजिक संगठनों की बैठक में शराब बंदी के लिए रणनीति और इस दिशा में आगे बढऩे तथा इस कदम से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। नवा रायपुर के वाणिज्यक कर भवन में आयोजित इस बैठक में पूर्ण शराबंदी को लेकर जन चेतना अभियान और नशाबंदी अभियान सहित विभिन्न मुद्दों पर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी राय और विचार रखे। सभी समाजिक प्रतिनिधियों ने पूर्ण शराब बंदी पर सहमति जताई और कहा कि शराब बंदी एकाएक लागू नहीं की जानी चाहिए। बैठक में शराब बंदी हेतु सुझाव देने के लिए गठित समितियों के विभिन्न राज्यों में अपनायी गई नीतियों और इसके प्रभावों के अध्ययन के लिए भ्रमण पर जाने के लिए सहमति प्रदान की गई।शराब बंदी के लिए सामाजिक संगठनों की गठित समिति की प्रथम बैठक में समाज प्रमुखों ने कहा कि जन स्वास्थ्य और लोगों की सामाजिक-आर्थिक तथा पारिवारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूर्ण शराब बंदी जरूरी है। लेकिन एकाएक शराब बंदी लागू नहीं की जानी चाहिए। इससे शराब के आदी लोगों को इससे स्वास्थ्यगत कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। अवैध और जहरीली शराब के सेवन से उन्हें जान तक गवांनी पड़ सकती है। इसलिए सभी पहलुओं पर विचार के बाद ही चरण बद्ध ढंग से शराब बंदी की पहल की जानी चाहिए। सामाजिक संगठनों की बैठक में देश के ऐसे राज्य जहां शराब पूर्ण रूप से बंदी है तथा ऐसे राज्य जहां पूर्ण शराब बंदी के बाद इसे पुन: हटाया गया। इसके पीछे के कारणों और तथ्यों के विशलेषण पर भी जोर दिया गया। बैठक में सामाजिक प्रतिनिधियों ने कहा कि आज कल युवा पीढ़ी में नशा एक फैशन बनते जा रहे है। नशे के रूप में युवा दवाईयों तथा अन्य साधन जैसे गुटखा, तम्बाखू का उपयोग कर रहे हैं, इस पर कड़ाई से रोक लगाए जाने की जरूरत है। समाज प्रमुखों ने बैठक में सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की दिशा में आगे बढऩे के लिए चुनिंदा स्थानों पर शराब की दुकान हो और शराब विक्रय की समय-सीमा में भी कटौती की जानी चाहिए। आबकारी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो तथा नियमों एवं कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य में पूर्ण शराब बंदी की दिशा में आगे बढऩे के लिए समाज प्रमुखों, राजनीतिक और प्रशासनिक समिति गठित की गई है। इन समीतियों के सदस्यों को शराब बंदी करने वाले राज्यों और ऐसे राज्य जहां शराब बंदी लागू थी लेकिन फिर शराब बंदी हटा ली गई उन राज्यों में जाकर इन सबके पीछे के कारणों और प्रभावों के अध्ययन की जिम्मेदारी दी गई है।

बैठक में विभिन्न समाज प्रमुखों में सर्वश्री अर्जुन हिरवानी, शालिक राम वर्मा, ललित बघेल, रमेश यदु, विनय तिवारी, एल.एल. कोसले, भारतसिंह, राजेन्द्रनाथ पटेल, जसबीर सिंह, राजेश वासवानी, पंकज जसवानी, कर्तव्य अग्रवाल, अनुराग अग्रवाल, वैष्णव क्षत्री, ओमप्रकाश मानिकपुरी, रामअवतार सिंह, हाजीशेख नाजिम्मुदीन, आनंद निषाद, श्रीमती किरण सिन्हा तथा अपर आयुक्त श्री राकेश मंडावी, श्री रायसिंह ठाकुर, तीनों समितियों के नोडल अधिकारी श्री राजीव कुमार झा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

नशे के खिलाफ मुहिम: मेडिकल स्टोर, रेस्तरां ढाबों की होगी जांच

रायपुर। राजधानी में नशीली दवा को रोकने के लिए प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ कई और विभाग मिलकर बड़ी मुहिम शुरू करने जा रहे हैं। इस मुहिम में मेडिकल स्टोर्स की लगातार जांच के साथ-साथ होटल-रेस्तरां और ढाबों पर छापे मारकर जांच की जाएगी। यही नहीं, कुछ एजेंसियां स्कूलों के सामने तथा सार्वजनिक स्थानों पर जागरुकता अभियान छेड़ेंगी, ताकि छात्रों से लेकर आम लोगों को नशीली दवाइयों के दुष्प्रभावों के बारे में बताया जा सके। हाल में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के संयुक्त सर्वे में यह बात सामने आई थी कि शहर के युवाओं में नशा, खासकर नशीली दवाइयों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए मंगलवार को जिलास्तरीय समन्वय समिति की बड़ी बैठक में एक्शन प्लान बनाया गया। बैठक में सहमति बनी कि नशे का कारोबार रोकने के लिए मेडिकल स्टोर, होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, जिलों से लगे दूसरे राज्यों के बॉर्डर समेत उन सभी जगहों पर अचानक छापे मारने चाहिए, जो नशे की सप्लाई के संभावित स्थान हैं। छापामार कार्रवाई में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ ही समाज कल्याण, आबकारी और खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। सभी विभागों के अफसरों की संयुक्त टीम बनाकर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, नशीली दवाइयों की बिक्री को नियंत्रण में रखने के लिए मेडिकल स्टोर्स को चेतावनी दी जाएगी। थोक दवा कारोबारियों से भी कहा जाएगा कि वे इस तरह की गतिविधियों में खास नजर रखे। इंटेलिजेंस इनपुट पर फोकस-बैठक में पुलिस ने राजधानी में नशा रोकने के लिए सीमा की जांच बढ़ाने की रणनीति बताई है। अफसरों ने कहा कि नशीली दवाइयों की शहर में घुसपैठ रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा इंटेलिजेंस इनपुट जुटाने पर काम कर रहे हैं, ताकि ऐसी खेप सीमा पर ही पकड़ी जा सके। साथ ही ढाबे, होटल और रेस्टोरेंट की सरप्राइस चेकिंग भी होगी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे एडीएम एनआर साहू ने बताया कि सभी विभागों ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरुकता अभियान चलाने पर भी सहमति जताई है। इसके लिए स्कूल-कॉलेजों के बाहर शिविर लगेंगे। नुक्कड़ नाटकों से संदेश दिया जाएगा और जागरुकता वाले पंपलेट बांटे जाएंगे।

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