छुट्टी के दिन हाईकोर्ट में चली कार्रवाई, हुई अर्जेंट सुनवाई

बिलासपुर। नीट यूजी 2022 के स्ट्रे वैकेंसी राउंड में आरक्षण नहीं देने के मामले में प्रदेश के आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट एडमिशन से वंचित हो गए हैं. इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिक में ये कहा गया है कि नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट देने वाले स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेजों की बची हुई सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है.
इस प्रक्रिया में नीट के स्ट्रे वैकेंसी राउंड के फाइनल नतीजे जारी कर दिए गए हैं. रिजल्ट मेडिकल काउंसिल कमेटी (एमसीसी) ने रिलीज किया है, लेकिन इसमें आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है. बिना नियमों का पालन किए ही मेरिट लिस्ट के आधार पर सूची जारी की गई है, जिसे चुनौती देते हुए रायगढ़ के स्टूडेंट राजेंद्र साव और धमतरी के मयंक देवांगन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
छात्रों की मांग पर कोर्ट ने उनके भविष्य और एडमिशन को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से आग्रह किया कि इस केस की अर्जेंट सुनवाई की जाए. जिस पर जस्टिस एनके व्यास और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की डिवीजन बेंच गठित कर रविवार को अवकाश के दिन हाईकोर्ट खुला और उन्होंने केस की सुनवाई भी की.