रायपुर। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए बिलासपुर स्थित सिम्स ने पूरे समर्पण भाव के साथ काम करते हुए कम संसाधनों के बीच कोविड-19 के 2 लाख नमूनों की जांच पूरी कर ली है। इसमें एक लाख टेस्ट बीते चार माह में ही किए गए है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोरोना महामारी की पहचान और रोकथाम के लिए टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में वर्तमान में प्रतिदिन 60 हजार से अधिक टेस्ट किए जा रहे है। राज्य में वर्तमान में राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक रैपिड एंटीजन जांच सुविधा तथा 31 शासकीय लैब, 5 निजी लैब, में टू्रनाॅट जांच सुविधा और 11 शासकीय लैब और 5 प्राइवेट लैब में आरटीपीसीआर की जांच सुविधा उपलब्ध है। सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में कोविड-19 के 2 लाख नमूनों की जांच 11 मई को पूरी कर ली गई। इनमें 17 हजार 704 पॉजिटिव और एक लाख 79 हजार 115 नेगेटिव रिपोर्ट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि एक अगस्त 2020 से सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर जांच शुरू की गई थी, तब से लेकर आज तक सीमित संसाधनों और स्टाफ के साथ निरंतर कार्य करते हुए यह लक्ष्य हासिल किया गया है। शुरुआत 13 सैंपल से की गई थी। सिम्स लैब में अगस्त 2020 से 21 जनवरी 2021 तक एक लाख सैंपल्स की जांच पूरी की गई थी। इसके बाद अगले एक लाख सैंपल बीते 4 महीनों में ही लिए गए।
सिम्स के चिकित्सकों ने बताया कि यह लैब में कार्यरत अधिकारी, वैज्ञानिक, तकनीशियन, लैब सहायक व डाटा ऑपरेटर के अथक परिश्रम और समर्पण से संभव हो सका। संस्था के वायरोलॉजी लैब प्रभारी डॉ. रेखा बारापात्रे व विभाग प्रमुख डॉ. सागरिका प्रधान द्वारा इन्हें निरंतर प्रोत्साहित किया गया। सिम्स की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नगरिया ने इस उपलब्धि के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। इस उपलब्धि में डॉ. ज्योत्सना दुबे, डॉ. अंजू श्रीवास्तव, डॉ. रश्मिका दवे, डॉ. विनोद टंडन व डॉ. प्रियंका पल्लवी का विशेष योगदान रहा। सिम्स को अजीज प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा एक आरटीपीसीआर मशीन और दी गई है जिससे आने वाले दिनों में कोविड जांच में और तेजी आएगी।