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छत्तीसगढ़
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महासमुंद। नाबालिग का अपहरण कर रेप का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने एक युवक को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत बागबाहरा थाना क्षेत्र के पठारीमुड़ा निवासी यादराम यादव (22) को 20 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसी तरह धारा 363 के तहत 5 वर्ष सश्रम व एक हजार रुपए का अर्थदंड तथा धारा 366 के तहत 7 वर्ष सश्रम और 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर क्रमश: एक माह, दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
अभियोजन के अनुसार बागबाहरा थाने में 20 मार्च 2020 को पीडि़ता की मां ने रिपोर्ट दर्ज करायी कि 13 मार्च 20 को अपनी भांजी की शादी में महासमुंद गई थी। 15 मार्च को उसके लडक़े ने फोन से सूचना दी कि उसकी पुत्री घर पर नहीं है। वह अपने गांव पहुंची और परिवार, रिश्तेदारों के यहां तलाश किया।
बेटी के नहीं मिलने पर मां ने बागबाहरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। रिपोर्ट पर धारा 363 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान 29 जून 2020 को आरोपी के कब्जे से पीडि़ता को बरामद कर बयान लिया तो उसने प्रेम संबंध की जानकारी देते हुए बताया कि 15 मार्च 2020 से 29 जून 20 के मध्य शादी का प्रलोभन देकर आरोपी ने शारीरिक संबंध बनाया है।
इस पर धारा 366, 376 -2, लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में विचारण के लिए पेश किया गया था। जहां आरोप दोष सिद्ध होने पर पठारीमुड़ा निवासी यादराम यादव को उक्त सजा सुनाई गई। अभियोजन की ओर अतिरिक्त लोक अभियोजन सलीम कुरैशी ने पैरवी की।
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